इटावा में वन स्टॉप सेंटर में किशोरी ने लगाई फांसी, लापरवाही पर उठे सवाल

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित सखी वन स्टॉप सेंटर में शुक्रवार को 16 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शुरुआती जांच में पता चला है कि उसने अपने परिवार से नाराज होकर यह कदम उठाया। उसका शव सेंटर के किचन में दुपट्टे से लटका हुआ मिला।

 

किशोरी चौबिया थाना क्षेत्र के ग्राम कल्याणपुर की रहने वाली थी। 28 फरवरी को वह रचित नामक युवक के साथ घर से चली गई थी, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए युवक को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि किशोरी को वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया था। शुक्रवार को उसे कानपुर के नारी निकेतन भेजा जाना था, लेकिन इससे पहले ही उसने आत्महत्या कर ली।

 

किशोरी की आत्महत्या की खबर से हड़कंप मच गया। वन स्टॉप सेंटर प्रोबेशन विभाग द्वारा संचालित किया जाता है, जहां 24 घंटे महिला कर्मचारी तैनात रहती हैं। इसके बावजूद सेंटर में आत्महत्या जैसी घटना का होना प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है।

 

किशोरी की मां ने बताया कि रचित नाम का युवक, जो उसकी बड़ी बेटी के रिश्ते में भांजा लगता था, उसकी बेटी को एक महीने पहले अपने साथ भगा ले गया था। दोनों परिवारों ने शादी की बात तय कर ली थी, लेकिन फिर भी वह किशोरी को लेकर भाग गया। पुलिस ने दो दिन पहले किशोरी को बरामद कर लिया और परिजनों को इसकी सूचना दी।

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि किशोरी अपने परिवार के पास लौटना नहीं चाहती थी। उसने अपने बयानों में कहा था कि उसे अपने परिवार से जान का खतरा है और वह उनके साथ नहीं जाना चाहती। इसी वजह से उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया गया, जिसके बाद कानपुर नारी निकेतन भेजने का फैसला लिया गया था।

 

एसएसपी ने बताया कि इस घटना की जांच के लिए एडीएम, एसपी सिटी और जिला प्रोबेशन अधिकारी की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। प्रारंभिक जांच में वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों की लापरवाही सामने आ रही है। यदि जांच में कर्मचारियों की गलती पाई जाती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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