आईटीबीपी टीम बनी मिसाल, स्वच्छता के संकल्प से पहाड़ जैसी चुनौतियों को दी मात – मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में स्वच्छ भारत अभियान की चर्चा की और इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) की एक टीम के अद्वितीय प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि कैसे स्वच्छता के संकल्प ने पर्वतारोहण जैसी कठिन चुनौतियों को भी मात दी है।

पीएम मोदी ने कहा, “स्वच्छ भारत की बात हो और ‘मन की बात’ के श्रोता पीछे रहें, ऐसा कैसे हो सकता है? मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब इस अभियान को मजबूती दे रहे हैं। लेकिन आज मैं एक ऐसी मिसाल साझा करना चाहता हूं, जहां स्वच्छता के संकल्प ने बर्फीली पहाड़ियों पर भी विजय प्राप्त कर ली।”

उन्होंने बताया कि आईटीबीपी की एक टीम माउंट मकालू—जो दुनिया की सबसे कठिन पर्वत चोटियों में से एक है—पर चढ़ाई के लिए गई थी। लेकिन उन्होंने केवल पर्वतारोहण ही नहीं किया, बल्कि स्वच्छता का मिशन भी अपने साथ जोड़ा। टीम ने चोटी के पास जमा 150 किलो से अधिक गैर-जैविक कचरा एकत्र कर नीचे लाने का कार्य किया, जो बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था।

प्रधानमंत्री ने इस संकल्प को “जहां इच्छा है, वहां राह है” की सच्ची मिसाल बताया और कहा, “यह दिखाता है कि जब संकल्प मजबूत हो तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।”

इसके साथ ही उन्होंने पेपर वेस्ट और रीसाइक्लिंग पर भी चर्चा की। पीएम मोदी ने बताया कि देश में लैंडफिल में फेंका जाने वाला लगभग 25% कचरा कागज से संबंधित होता है, जिसे सामान्य समझकर अनदेखा किया जाता है। उन्होंने बताया कि भारत के कई स्टार्टअप पेपर रिसाइक्लिंग के क्षेत्र में अभिनव कार्य कर रहे हैं।

विशाखापत्तनम, गुरुग्राम और जालना जैसे शहरों के स्टार्टअप्स 100 प्रतिशत पुनर्चक्रण योग्य सामग्री से पैकेजिंग बोर्ड, पेपर कोर और डिजिटल समाचार पत्र पुनर्चक्रण जैसे उपाय अपना रहे हैं। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि एक टन पेपर रिसाइक्लिंग से 17 पेड़ और हजारों लीटर पानी की बचत होती है।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की, “जब पर्वतारोही इतने कठिन हालात में भी सफाई कर सकते हैं, तो हम सब अपने घर और दफ्तरों में पेपर अलग करके पुनर्चक्रण के लिए दे सकते हैं। जब हर नागरिक यह सोचेगा कि मैं देश के लिए क्या कर सकता हूं, तभी हम एक बड़ा परिवर्तन ला सकेंगे।”

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