सहारनपुर। सहारनपुर जिले में यमुना नदी किनारे रेत, बालू और बजरी के अवैध खनन और परिवहन पर तमाम प्रयासों के बावजूद लगाम नहीं लग पा रही है। मौजूदा जिलाधिकारी मनीष बंसल लगातार इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन खनन माफिया बेहद शातिर और संगठित नेटवर्क के साथ सक्रिय हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जिले में खनन के वैध पट्टे केवल तीन हैं, जबकि स्टोन क्रेशर की संख्या 100 से अधिक है। इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकांश निर्माण सामग्री अवैध खनन से प्राप्त हो रही है।
डीएम मनीष बंसल ने शनिवार को बताया कि अवैध खनन में संलिप्त 35 लोगों की पहचान की गई है। इन सभी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत उनकी चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
इन 35 माफियाओं में से 19 के खिलाफ बेहट, 5 सरसावा, 3 मिर्जापुर और 8 चिलकाना थाने में मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस इन मामलों की गंभीरता से जांच कर रही है।
हालांकि, अब तक जिले के खनन माफिया सरगना और पूर्व बसपा एमएलसी इकबाल उर्फ बाला को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। वह लंबे समय से फरार है। इकबाल के भाई और पूर्व बसपा एमएलसी महमूद अली तथा उसके बेटे को जरूर गिरफ्तार किया गया है। इकबाल की फरारी के बाद अन्य प्रभावशाली लोग अवैध खनन के कारोबार में सक्रिय हो गए हैं और करोड़ों रुपये की अवैध कमाई कर रहे हैं।
प्रशासन का दावा है कि कार्रवाई रुकने वाली नहीं है और माफिया नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान तेज किया जाएगा।