ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस वार्ता, आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की पुष्टि

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने हिस्सा लिया। इस दौरान आतंकवादी ठिकानों पर की गई सटीक और निर्णायक कार्रवाई का वीडियो भी प्रस्तुत किया गया।

आतंकवादियों के कैंपों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक

लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, “यह ऑपरेशन उन बेकसूर नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए चलाया गया जो 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद नौ प्रमुख आतंकवादी शिविरों को चिन्हित कर तबाह कर दिया गया।”
उन्होंने बताया कि इन शिविरों में से पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद स्थित सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से लगभग 30 किलोमीटर अंदर स्थित है और लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र है। इसी कैंप से सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकियों को प्रशिक्षित किया गया था।

25 भारतीय और 1 नेपाली की बर्बर हत्या

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को लश्कर और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली पर्यटक की निर्मम हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा, “आतंकियों ने पीड़ितों को उनके परिवार के सामने गोली मारी और परिजनों को धमकाया कि इस बर्बरता को फैलाओ। कश्मीर में लौटते पर्यटन को रोकने और दंगा भड़काने की यह सोची-समझी साजिश थी।”

रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली जिम्मेदारी, लश्कर से कनेक्शन उजागर

विक्रम मिस्री ने आगे कहा कि ‘रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसका सीधा संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका है और इसके जरिए जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति को अस्थिर करने की कोशिश की गई।

“हम किसी युद्ध में नहीं, लेकिन चुप भी नहीं रहेंगे” – विंग कमांडर व्योमिका

वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि, “रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। नौ आतंकी ठिकानों को सफलता से तबाह किया गया। इस पूरे अभियान में नागरिक आबादी को बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता थी। सभी ठिकानों का चयन सोच-समझकर किया गया ताकि किसी निर्दोष की जान न जाए।”

भारत ने किया आत्मरक्षा का प्रयोग

विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि “हमने यह कार्रवाई आत्मरक्षा के अधिकार के तहत की है। यह अभियान नपी-तुली, संतुलित और जिम्मेदाराना था। आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को खत्म करना हमारा एकमात्र उद्देश्य था।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के आरंभ में एक वीडियो क्लिप दिखाया गया जिसमें 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमलों, उरी, पुलवामा और हालिया पहलगाम आतंकी हमले की झलकियां प्रस्तुत की गईं।

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