मुजफ्फरनगर में बाबा साहब की प्रतिमा के सम्मान में उठी आवाज़, शराब की दुकान के विरोध में सर्व समाज एकजुट

मुजफ्फरनगर। कोर्ट रोड स्थित कचहरी गेट पर संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के निकट शराब की दुकान खोले जाने के प्रस्ताव के खिलाफ दलित समाज सहित सर्व समाज में रोष व्याप्त है। सोमवार को पूर्व सभासद राजकुमार सिद्धार्थ के नेतृत्व में सर्व समाज के लोग कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर एकत्रित हुए और प्रशासनिक अधिकारी को जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि कचहरी गेट स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के नजदीक आबकारी विभाग द्वारा आवंटित शराब की दुकान को तत्काल निरस्त किया जाए।

प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के विरुद्ध बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार किसी भी शैक्षिक संस्थान, धार्मिक स्थल या महान पुरुषों की प्रतिमाओं के आसपास शराब की दुकान नहीं खोली जा सकती। उन्होंने इस प्रस्ताव को संविधान निर्माता बाबा साहब के प्रति अपमानजनक बताया और चेतावनी दी कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

भाजपा नेता एवं पूर्व सभासद राजकुमार सिद्धार्थ ने कहा कि कचहरी गेट के बाहर बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास मॉडल शॉप खोले जाने से समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने आपत्ति जताई कि वहां पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं है, जिससे शराब पीने वाले लोग अंबेडकर जी की मूर्ति के पास ही बैठकर शराब पीएंगे, जिससे सामाजिक माहौल खराब होने की आशंका बनी रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे बड़े आंदोलन की राह अपनाएंगे।

बसपा नेता उपकार बावरा ने भी इस प्रस्ताव की कड़ी निंदा करते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने इस देश का संविधान रचा, उनकी प्रतिमा के सामने शराब की दुकान खोलना अस्वीकार्य है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे सामाजिक व्यवस्था बिगड़ सकती है और माहौल अशांत हो सकता है।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने प्रशासन से मांग की कि प्रस्तावित शराब की दुकान का आवंटन तुरंत निरस्त किया जाए, अन्यथा वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

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