जम्मू। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब संयुक्त सुरक्षा बलों को तीन से चार आतंकवादियों के एक समूह के मौजूद होने की विशेष सूचना मिली। इसके बाद सिंघपोरा और चटरू इलाके में सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया।
सुरक्षा बलों ने इलाके की कड़ी घेराबंदी कर दी। जैसे ही आतंकवादी सुरक्षा बलों के करीब पहुंचे, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन से चार आतंकवादियों के छिपे होने की खबर है।
भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन त्राशी’ नाम दिया है। सेना ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर बताया कि आज सुबह जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त रूप से किश्तवाड़ के चटरू इलाके में आतंकवादियों से सामना हुआ। अतिरिक्त जवानों को मौके पर बुलाया गया है और आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए अभियान जारी है।
पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स और समर्थकों के खिलाफ संयुक्त बलों ने कड़ी कार्रवाई तेज कर दी है। यह अभियान 22 अप्रैल के बाद और तेज हो गया था, जब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन घाटी में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी।
वहीं, इसके जवाब में पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर भारी मोर्टार गोलाबारी की, जिससे लगभग 200 घर और दुकानें नष्ट हो गईं। सैकड़ों सीमावर्ती निवासी अपने गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर गए हैं और अभी तक पूरी तरह अपने घर लौट नहीं पाए हैं। भारतीय सुरक्षा बल अभी भी पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में पाकिस्तानी गोलाबारी को निष्क्रिय करने में जुटे हुए हैं।
भारत ने 12 जून को दोनों देशों के डीजीएमओ द्वारा तय किए गए युद्धविराम समझौते पर सहमति जताई है। हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया है कि यह समझौता तब तक लागू रहेगा जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी गतिविधि की अनुमति नहीं देता।