नई दिल्ली। भारतीय सेना ने मणिपुर के चंदेल जिले में भारत-म्यांमार सीमा के पास एक बड़े ऑपरेशन में 10 उग्रवादियों को मार गिराया है। सेना की ईस्टर्न कमांड ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इसकी जानकारी साझा की। ऑपरेशन में बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं। यह कार्रवाई मणिपुर में जारी अशांति के बीच सुरक्षाबलों की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
सेना की पूर्वी कमान ने देर रात एक्स पर पोस्ट कर बताया कि चंदेल जिले के खेगजॉय तहसील में न्यू समतल गांव के पास खुफिया जानकारी के आधार पर उग्रवादी गतिविधियों का पता चला था। इसके आधार पर 14 मई 2025 को असम राइफल्स की यूनिट ने स्पीयर कॉर्प्स के तहत एक ऑपरेशन शुरू किया। ऑपरेशन के दौरान संदिग्ध उग्रवादियों ने सैनिकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में सैनिकों ने तुरंत नियंत्रित और संतुलित तरीके से जवाबी कार्रवाई की, जिसमें 10 उग्रवादी मारे गए।
गोलीबारी के बाद सुरक्षाबलों ने क्षेत्र की तलाशी ली, जिसमें बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। इस कार्रवाई को मणिपुर में सुरक्षा स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जहां पिछले कुछ समय से उग्रवादी गतिविधियां और अशांति देखी जा रही है।
यह ऑपरेशन ऐसे समय में हुआ है, जब हाल ही में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत-म्यांमार सीमा पर यह कार्रवाई पूर्वी सीमा पर सुरक्षा को और मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल भारत-म्यांमार के बीच 1,610 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़बंदी और सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य मणिपुर में घुसपैठ को रोकना और सीमा सुरक्षा को मजबूत करना है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, म्यांमार से घुसपैठिए मणिपुर में प्रवेश कर रहे थे, जिसके चलते भारत सरकार ने मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।
सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने लगभग 31,000 करोड़ रुपये की लागत से 1,610 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़बंदी और सीमा सड़कों के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट सीमा पर निगरानी और सुरक्षा को और सुदृढ़ करने में मदद करेगा।
मणिपुर में उग्रवादी गतिविधियों और अशांति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं। इस कार्रवाई से क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने में मदद मिलने की उम्मीद है। सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं।