काठमांडू में भारत-पाक मंत्री आमने-सामने, सागरमाथा संवाद में तनावपूर्ण शांति की झलक

काठमांडू। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के बाद भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऑपरेशन सिंदूर के अस्थाई रूप से रुकने के बाद भी कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से स्थिति अब भी सहज नहीं है। ऐसे में दोनों देशों के मंत्री काठमांडू में दो दिनों तक एक ही कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं।

नेपाल सरकार के द्वारा 16-18 मई को सागरमाथा संवाद का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारत, पाकिस्तान और चीन सहित कई देशों के प्रतिनिधि सहभागी होने वाले हैं। जलवायु परिवर्तन को लेकर होने जा रहे इस सागरमाथा संवाद कार्यक्रम में भारत की तरफ से वन तथा वातावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव सहभागी होने वाले हैं।

इसी कार्यक्रम में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए वहां के वातावरण तथा जलवायु परिवर्तन मामलों के मंत्री डा मुसादिक मसूद मलिक के सहभागी होने की जानकारी दी गई है। इस्लामाबाद में नेपाल की राजदूत रीता धिताल ने मंगलवार की शाम को मुलाकात कर उन्हें काठमांडू आने का औपचारिक न्यौता दिया है। माना जा रहा है कि मलिक ही पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करते हुए सागरमाथा संवाद कार्यक्रम में सहभागी होने वाले हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चली जंग के बाद इस समय अस्थाई तौर पर युद्धविराम की घोषणा के बाद यह पहली बार होगा जब किसी अंतराष्ट्रीय फोरम पर दोनों देशों के मंत्री एक साथ नजर आने वाले हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में यह कहा था कि टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकता है। ट्रेड और टॉक एक साथ नहीं चल सकता है। अब देखना यह है कि दो दिनों तक काठमांडू में एक ही कार्यक्रम में सहभागी होने के बावजूद भारत और पाकिस्तान के मंत्री का एक दूसरे के प्रति क्या रवैया रहने वाला है।

सागरमाथा संवाद कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि के तौर पर चीन की संसद के डिप्टी स्पीकर जियाओ जिए सहभागी होने जा रहे हैं। पहले इस कार्यक्रम के लिए नेपाल सरकार के तरफ से भारत और चीन के प्रधानमंत्री को न्यौता भेजा गया था लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में व्यस्तता का हवाला देते हुए इंकार कर दिया था जिसके बाद चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने भी अंतिम समय में अपना दौरा रद्द कर दिया है।

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