वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनने को ऐतिहासिक करार देते हुए दोनों देशों के नेतृत्व की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका इन दोनों देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को और विस्तार देने तथा कश्मीर मुद्दे पर शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कार्य करेगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, “मुझे भारत और पाकिस्तान के मजबूत और दूरदर्शी नेतृत्व पर गर्व है। उनके पास यह समझने की बुद्धि और धैर्य है कि अब आक्रमण रोकने का समय आ गया है। यह संघर्ष लाखों निर्दोष लोगों की मौत और व्यापक विनाश का कारण बन सकता था। इस बहादुरी भरे फैसले से उनकी विरासत और प्रतिष्ठा में इज़ाफा हुआ है। अमेरिका को इस ऐतिहासिक निर्णय तक पहुंचने में मदद कर गर्व हो रहा है।”
ट्रंप ने आगे कहा, “अब मैं भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार को काफी हद तक बढ़ाने जा रहा हूं। इसके अलावा, मैं कश्मीर मुद्दे पर भी एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने की दिशा में दोनों देशों के साथ मिलकर काम करूंगा – भले ही इसमें समय लगे। भगवान भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को इस सराहनीय कार्य के लिए आशीर्वाद दें।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद थमा तनाव
बता दें कि भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों में तेजी आ गई थी, जिसके चलते दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से पूर्ण संघर्षविराम की घोषणा की।
अमेरिका ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इस संघर्षविराम में अमेरिका ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “रातभर चली मैराथन बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान तत्काल युद्धविराम पर सहमत हुए हैं। यह एक ऐतिहासिक कदम है।”
अमेरिकी विदेश मंत्री और उपराष्ट्रपति भी थे वार्ता में शामिल
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि वह और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पिछले 48 घंटों से भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सतत संवाद में थे। इस बातचीत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पाक एनएसएस असीम मलिक शामिल थे।
इस राजनयिक पहल के बाद अब क्षेत्र में शांति की उम्मीद जगी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इसे एक सकारात्मक और दूरगामी कदम मान रहा है।