इस्लामाबाद/लंदन। कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्काई न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण देने का लंबा इतिहास रहा है।
ब्रिटेन के समाचार चैनल स्काई न्यूज के साथ बातचीत में ख्वाजा आसिफ ने कहा, “हम 30 वर्षों से यह गंदा काम अमेरिका और ब्रिटेन के लिए करते आ रहे हैं। यह हमारी गलती थी और इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का अतीत में पाकिस्तान के साथ कुछ संबंध रहे हैं, हालांकि उन्होंने यह दावा किया कि अब यह संगठन खत्म हो चुका है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि लश्कर से निकले एक संगठन ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है, तो उन्होंने कहा, “जब मूल संगठन ही नहीं रहा, तो ऑफशूट संगठन कहां से आता है?”
गौरतलब है कि लश्कर-ए-तैयबा से निकले आतंकी संगठन TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 26 बेगुनाह पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि, “अगर पाकिस्तान ने सोवियत संघ के खिलाफ अफगानिस्तान में हस्तक्षेप न किया होता या फिर 9/11 के बाद अमेरिका का साथ न दिया होता, तो आज पाकिस्तान पर कोई उंगली न उठाता।”
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि लश्कर जैसे संगठनों के साथ अतीत में संबंध होने का मतलब यह नहीं है कि पाकिस्तान अब भी उन्हें समर्थन देता है।
इस इकबालिया बयान ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति नीति और मंशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत में इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, खासकर ऐसे समय में जब कश्मीर में नागरिकों को निशाना बनाकर हमले किए जा रहे हैं।