सीमा पर सख्ती: अटारी-वाघा पर नहीं बजेगी सलामी, न झुकेंगे हाथ, न खुलेंगे गेट

नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति अपना रुख सख्त कर लिया है। इसी क्रम में अटारी-वाघा, हुसैनीवाला और सादकी सीमा पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी की पारंपरिक भव्यता को फिलहाल सीमित कर दिया गया है।

बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर ने बताया कि अब रिट्रीट सेरेमनी के दौरान भारत और पाकिस्तान के गार्ड कमांडर एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाएंगे। इसके अलावा समारोह के दौरान गेट भी बंद रखे जाएंगे। यह बदलाव भारत की सीमा पार से हो रही आतंकी गतिविधियों के खिलाफ स्पष्ट और कड़ा संदेश माना जा रहा है।

बीएसएफ के अनुसार, यह निर्णय इस सिद्धांत पर आधारित है कि “शांति और उकसावा एक साथ नहीं चल सकते।” पहलगाम में निर्दोष यात्रियों की नृशंस हत्या के बाद यह कदम भारत की गंभीर प्रतिक्रिया का हिस्सा है।

भारत सरकार ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी कई सख्त कदम उठाए हैं। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने सिंधु जल संधि पर अमल को फिलहाल रोक दिया है। साथ ही पाकिस्तान के लिए वीजा सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में स्टाफ की संख्या भी घटाकर 30 कर दी गई है।

विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी मौजूदा वीजा 27 अप्रैल से रद्द कर दिए जाएंगे। मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल तक वैध होंगे। सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा समाप्ति से पहले भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा से परहेज करने की सख्त सलाह दी गई है। जो भारतीय वर्तमान में पाकिस्तान में हैं, उन्हें शीघ्र भारत लौटने के लिए कहा गया है।

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