मधुबनी (बिहार)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर मधुबनी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है और उन्हें इसकी कल्पना से भी बड़ी सज़ा मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहना चाहता हूं—भारत हर आतंकवादी और उसके सरगना को खोजेगा, पहचान करेगा और उसे सज़ा देगा। हम उन्हें धरती के कोने-कोने तक खदेड़ेंगे। आतंकवाद से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी। आतंकवाद को सज़ा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। पूरा देश इस संकल्प पर अडिग है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों द्वारा की गई इस बर्बरता ने पूरे देश को व्यथित किया है। प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि “22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस निर्दयता से मारा है, उससे कोटि-कोटि देशवासी दुखी हैं। किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने भाई, किसी ने जीवनसाथी। कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़, कोई मराठी, कोई ओडिशा से था, कोई गुजरात से, तो कोई बिहार का लाल था—लेकिन आज हम सभी का दुख और आक्रोश एक है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह हमला केवल निहत्थे पर्यटकों पर नहीं था, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था पर हमला था। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रख देगी।”
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मंच से जनता से अपील की मैं आप सबसे अनुरोध करता हूं कि अपनी जगह पर बैठकर कुछ पल का मौन रखें, ताकि हम 22 अप्रैल को शहीद हुए सभी देशवासियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें।”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान उन सभी देशों और नेताओं का आभार भी व्यक्त किया, जिन्होंने इस कठिन समय में भारत के साथ खड़े होने का संदेश दिया है। मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति हमारे साथ है।”
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब पूरे देश में आतंकी हमले के खिलाफ रोष और पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति की लहर है। सरकार की ओर से संकेत साफ है—आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों को अब बख्शा नहीं जाएगा।