भुवनेश्वर। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सभी राजनीतिक दलों से शांति का संदेश देने की अपील की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि “उन्हें लगता है कि भगवा वस्त्र पहनने से कोई योगी बन जाता है, लेकिन गीता कहती है कि जो दूसरों के दुख को समझे, वही असली योगी है।”
अखिलेश यादव ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को लेकर तीखा हमला करते हुए कहा कि”यह संस्था अब सत्ता का हथियार बन गई है। कांग्रेस ने ही ईडी बनाई थी और आज वही कांग्रेस इसके दुरुपयोग का शिकार बन रही है। मेरी राय में ईडी जैसे विभाग को समाप्त कर देना चाहिए।”
अखिलेश यादव ने भाजपा पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने कई बार जानबूझकर दंगे भड़काए हैं। मुझे याद है कि कन्नौज में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने एक मंदिर में जानबूझकर मांस फिंकवाया। इस काम के लिए एक गरीब व्यक्ति को पैसों का लालच दिया गया, और जब वह नहीं माना तो पार्टी के लोग खुद उसके साथ गए और मंदिर में मांस फेंकवा दिया। इससे हिंदू-मुस्लिम समुदायों में तनाव बढ़ा, झगड़े हुए, दुकानें जलीं और भारी नुकसान हुआ।”
उन्होंने आगे कहा कि”हम सभी को धार्मिक बयानबाजी से बचना चाहिए। किसी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे किसी की भावनाएं आहत हों या समाज में तनाव फैले।”
उत्तर प्रदेश के बजट में हिस्सेदारी को लेकर अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि यूपी ने तीन बार देश को प्रधानमंत्री दिया, सबसे ज़्यादा सांसद भेजे और भाजपा को केंद्र में सरकार बनाने में सबसे ज़्यादा समर्थन दिया। लेकिन जब बात बजट की आती है – चाहे नेशनल हाईवे हो या कोई अन्य परियोजना – यूपी के साथ लगातार भेदभाव किया जाता है। और जब हम इसका सवाल उठाते हैं, तो हमारे इरादों पर सवाल खड़े किए जाते हैं।”
अखिलेश यादव ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि”हमने भी श्रद्धा के साथ कुंभ में डुबकी लगाई। लेकिन भाजपा के नेता पिछले कुंभ की अपनी तस्वीरें तक नहीं दिखा सकते। और सबसे दुखद बात यह है कि पिछले कुंभ में जो श्रद्धालु लापता हुए या जिनकी मौत हुई, उनकी अब तक कोई सूची जारी नहीं की गई। सरकार मुआवज़ा न देना पड़े, इसलिए मृतकों के नाम तक नहीं बताना चाहती।”
अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के आर्थिक दावों पर तंज कसते हुए कहा कि”जो खुद को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की बात कर रहे हैं, वे अपने श्रद्धालुओं की मौत पर चुप्पी साधे हुए हैं। बताइए, क्या यही संवेदनशील सरकार है? क्या ऐसे लोग सच में हिंदू हितैषी कहे जा सकते हैं?”