महाबोधि मंदिर की मुक्ति के लिए निकली पदयात्रा मुजफ्फरनगर पहुंची,बौद्ध अनुयायियों ने किया स्वागत, 12 मई को बोधगया में जुटेंगे 12 लाख श्रद्धालु

मुजफ्फरनगर।बौद्ध धर्म की प्रतिष्ठा और महाबोधि मंदिर की स्वतंत्रता के उद्देश्य से निकाली गई बोधगया मुक्ति पदयात्रा मंगलवार को मुजफ्फरनगर पहुंची। कचहरी गेट पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान बौद्ध समाज के लोगों ने पदयात्रियों का स्वागत किया।

यह यात्रा 14 अप्रैल को नोएडा से डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर शुरू हुई थी और आगामी 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा के दिन बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर पहुंचेगी। यात्रा के संयोजक डॉ. बुद्ध प्रकाश विनय ने बताया कि इस ऐतिहासिक पदयात्रा का उद्देश्य महाबोधि मंदिर को धार्मिक हस्तक्षेप से मुक्त कराकर उसे बौद्ध अनुयायियों को सौंपना है।

उन्होंने आरोप लगाया कि बौद्ध धर्म के इस पवित्र स्थल पर बिहार सरकार द्वारा वैदिक परंपराओं के मानने वालों को अधिकार दे रखा गया है, जिससे बौद्ध अनुयायियों की धार्मिक स्वतंत्रता बाधित हो रही है।

“महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र है, फिर भी वहां बौद्ध रीति से पूजा नहीं होने दी जाती। यह धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है,”
डॉ. बुद्ध प्रकाश विनय, पदयात्रा संयोजक

डॉ. विनय ने बताया कि पदयात्रा में हजारों अनुयायी शामिल हैं और 12 मई को बोधगया में देश-विदेश से करीब 12 लाख बौद्ध अनुयायी एकत्र होंगे। वे शांतिपूर्ण ढंग से सरकार से मंदिर को बौद्धों को सौंपने की मांग करेंगे।

इस आंदोलन को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में चर्चा है और यात्रा को कई सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है।

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