मुज़फ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के आवास पर पहुंचकर बड़ा बयान दिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान वर्मा ने भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि टिकैत अब किसान नेता नहीं बल्कि टोल प्लाजा की राजनीति करते हैं और यदि उनकी संपत्ति की जांच कराई जाए, तो वे सबसे बड़े भ्रष्टाचारियों में एक निकलेंगे।
वर्मा ने बताया कि, “चौधरी राकेश टिकैत आज किसान आंदोलन की आड़ में प्रॉपर्टी डीलिंग कर रहे हैं। अगर ईमानदारी से जांच हो जाए, तो ये साफ हो जाएगा कि उन्होंने किसान हितों की आड़ में निजी संपत्ति कैसे खड़ी की।”
उन्होंने अपने पुराने संबंधों का ज़िक्र करते हुए बताया कि, “जब बाबा महेंद्र सिंह टिकैत किसानों की आवाज़ थे, तब मैं अक्सर उनके पास आया-जाया करता था। उनके अंदर किसानों के प्रति जो सम्मान और सादगी थी, वह आज कहीं दिखाई नहीं देती। क्या आपने उन्हें कभी रंग-बिरंगी पगड़ियों में देखा? लेकिन राकेश टिकैत फैशन में पगड़ियां पहनते हैं और मंच सजाते हैं।”
हरिनाम सिंह वर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अब तक गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया है, जबकि किसानों का उत्पादन खर्च कई गुना बढ़ चुका है। कई शुगर मिलों ने अभी तक भुगतान नहीं किया है, जिससे किसान आर्थिक संकट में हैं। उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए एक बड़े आंदोलन की जरूरत जताई।
वर्मा ने आरोप लगाया कि जो लोग हर समय टोल प्लाजा और जमीन अधिग्रहण के मामलों में घुसे रहते हैं, वे असल में किसानों के नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थों के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा, “हरी टोपी और गमछा पहनकर किसान नहीं बन जाता, अगर अफसर लोग इन्हें दलाल कहें तो गलत क्या है?”
वर्मा ने बताया कि वे खुद सरकार को शपथपत्र (एफिडेविट) सौंपने को तैयार हैं और राकेश टिकैत भी दें, फिर दोनों की संपत्ति की निष्पक्ष जांच कराई जाए। “मैं उनसे उम्र में बड़ा हूं, लेकिन मेरी आमदनी जस की तस है, जबकि उनकी आय हर साल बढ़ती जा रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं और ये लोग लाखों-करोड़ों की प्रॉपर्टी बना रहे हैं।”
उन्होंने पूरबालियान गांव का जिक्र करते हुए बताया कि वहां चकबंदी का कार्य चल रहा है और राकेश टिकैत के संगठन के पदाधिकारी जमीनों के बंटवारे में भी पैसे का खेल कर रहे हैं।
बताया कि अगर संपत्ति की जांच होगी तो बड़े किसान नेता सबसे बड़े प्रॉपर्टी डीलर निकलेंगे। जो किसान के नाम पर मंच सजाते हैं, असल में वे किसान के नाम पर दुकानदारी कर रहे हैं।”