कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है, जिसमें अब तक कम से कम तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हालात की गंभीरता को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने शनिवार को जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तत्काल तैनाती का आदेश जारी किया।
हाईकोर्ट की विशेष पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी शामिल थे, ने विस्तृत सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने याचिका दायर कर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि राज्य पुलिस हालात संभालने में पूरी तरह विफल रही है।
शुभेंदु अधिकारी की याचिका में चार जिलों — मुर्शिदाबाद, हुगली, उत्तर 24 परगना और कोलकाता — में CAPF तैनात करने की मांग की गई थी। हालांकि कोर्ट ने सिर्फ मुर्शिदाबाद जिले में ही केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया।
सूत्रों के अनुसार, BSF के जवान पहले से ही मुर्शिदाबाद के सुती, समसेरगंज और धुलियान जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं, लेकिन अब पूरे जिले में उनकी मौजूदगी बढ़ा दी जाएगी।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार के पुस्तकालय सेवा मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने अपने भाषणों से हिंसा को उकसाया। साथ ही यह भी कहा गया कि पहले से तैनात BSF जवानों का जिला प्रशासन द्वारा उचित उपयोग नहीं किया जा रहा है।
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने याचिका को “राजनीति से प्रेरित” बताया, लेकिन मुर्शिदाबाद में CAPF की तैनाती पर सैद्धांतिक आपत्ति नहीं जताई।
विशेष पीठ ने आदेश में कहा कि “जब हिंसा की प्रकृति इतनी गंभीर हो और शिकायतें लगातार आ रही हों, तो अदालत मूकदर्शक नहीं बन सकती।”
इस घटनाक्रम के बाद सियासी तकरार और तेज हो गई है। जहां ममता बनर्जी सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों का दावा कर रही है, वहीं भाजपा और अन्य विपक्षी दल इसे प्रशासनिक विफलता बता रहे हैं।