मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ऑरस सीनेट लिमोजिन में संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) मुख्यालय के पास विस्फोट के बाद आग लग गई। 275,000 पाउंड (करीब 2.86 करोड़ रुपये) की यह बुलेटप्रूफ और बमप्रूफ कार आग की लपटों में घिर गई। स्थानीय लोगों ने आपातकालीन सेवाओं के पहुंचने से पहले आग बुझाने का प्रयास किया।
ब्रिटेन के न्यूज चैनल जीबीएन ने 29 मार्च को यह खबर प्रसारित की। रिपोर्ट के मुताबिक, आग कार के इंजन में लगी, जो तेजी से पूरे इंटीरियर में फैल गई। जब कार से गहरा धुआं निकलने लगा, तब आसपास के रेस्तरां कर्मचारियों और राहगीरों ने मदद करने की कोशिश की। सामने आए वीडियो फुटेज में कार का पिछला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त नजर आ रहा है। हालांकि, विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं चला है।
बताया जा रहा है कि यह कार क्रेमलिन के प्रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की थी। हालांकि, विस्फोट के समय राष्ट्रपति पुतिन कार में मौजूद थे या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। रूसी अधिकारियों ने इस घटना पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन के तहत बनाई गई ऑरस सीनेट लिमोजिन अपने सुरक्षा और तकनीकी विशेषताओं के कारण दुनियाभर में मशहूर है।
यह कार रूस की कंपनी एनएएमआई द्वारा डिजाइन की गई है। इसे सेंट्रल साइंटिफिक रिसर्च ऑटोमोबाइल और ऑटोमोटिव इंजन इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है। 6.70 मीटर लंबी और 2,700 किलोग्राम वजनी यह कार पूरी तरह बुलेटप्रूफ और बमप्रूफ है। चाहे गाड़ी पर बम फेंका जाए या जमीन में विस्फोट किया जाए, यह कार पूरी तरह सुरक्षित रहती है। कार में सेल्फ-कंटेन ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम है, जिससे रासायनिक हमलों से भी बचाव संभव है। फ्लैट रबर से बने टायर, जिससे पंचर होने पर भी कार तेजी से दौड़ सकती है। सिक्योर लाइन कम्युनिकेशन सिस्टम, जिससे दुनिया में कहीं भी सुरक्षित बातचीत की जा सकती है। कार में घातक हथियार भी मौजूद हैं, जो इसे चलती-फिरती बुलेटप्रूफ बंकर में तब्दील कर देते हैं।
इस घटना के बाद रूसी सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि यह हमला था या तकनीकी खराबी। एफएसबी मुख्यालय के पास हुए इस विस्फोट ने रूस की सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
रूस में इससे पहले भी राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा से जुड़ी घटनाएं सामने आई हैं। हालांकि, क्रेमलिन इस तरह की घटनाओं पर आमतौर पर चुप्पी साध लेता है। अब देखना होगा कि रूसी प्रशासन इस विस्फोट पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या यह राष्ट्रपति की सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रयास था।