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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की धरती एक बार फिर किसानों की हुंकार से गूंज उठी है। भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में किसान मंगलवार को जिला मुख्यालय पर जुटे, जहां उन्होंने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए ज़बरदस्त महापंचायत शुरू कर दी। यह कोई सामान्य प्रदर्शन नहीं, बल्कि किसानों के आहत स्वाभिमान की पुकार है।
महापंचायत की अगुवाई संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर स्वयं कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाते, तब तक यह आंदोलन थमने वाला नहीं।
“हम चुप नहीं बैठेंगे” — किसानों का ऐलान
पूरा मामला नई मंडी थाना क्षेत्र का है, जहां कुछ दिन पहले किसान संगठन के युवा प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में कार्यकर्ता धरने पर बैठे थे। किसानों का दावा है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रख रहे थे, लेकिन तभी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस घटना में कई कार्यकर्ता घायल हो गए।
सबसे बड़ा आक्रोश इस बात को लेकर है कि आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई, उल्टा किसानों के खिलाफ ही मुकदमे दर्ज कर दिए गए। इसी के विरोध में आज यह महापंचायत बुलाई गई है, जिसे जल्द ही अनिश्चितकालीन धरने का रूप देने का ऐलान कर दिया गया है।
पुलिस बोली – कानून व्यवस्था से समझौता नहीं
उधर, पुलिस प्रशासन भी अपने रुख पर कायम है। अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने उग्रता दिखाई थी, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बना और उसी को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया। पुलिस ने साफ कहा है कि किसी निर्दोष को नहीं सताया जाएगा, लेकिन कानून अपना काम करेगा।
प्रकाश चौक पर टकराव टला, लेकिन चेतावनी साफ
जैसे ही किसान जिला मुख्यालय की ओर बढ़े, प्रकाश चौक पर पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। थोड़ी देर के लिए धक्का-मुक्की का माहौल बना, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति को बिगड़ने से पहले संभाल लिया।
महापंचायत जारी रहेगी, जब तक न्याय नहीं मिलता — संजीव तोमर
भाकियू (तोमर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने दो टूक कहा कि यह लड़ाई सिर्फ मुकदमे हटाने की नहीं, किसान की इज़्ज़त की है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम पीछे नहीं हटेंगे।”
प्रशासन सतर्क, टकराव टालने की कोशिश
फिलहाल ज़िला प्रशासन पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मौके पर डटे हैं। बातचीत की कोशिश जारी है ताकि आंदोलनकारी और प्रशासन के बीच कोई सीधी टकराव की स्थिति न बने।