मुज़फ्फरनगर। “प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास” की थीम के साथ आज मुज़फ्फरनगर में अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2025 का भव्य आयोजन किया गया। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के निर्देशन और प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी कन्हैया पटेल के मार्गदर्शन में डॉ. राजीव कुमार द्वारा इस विशेष अवसर को यादगार बनाया गया।
इस अवसर पर भारत स्काउट और गाइड उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित राज्य पुरस्कार जांच शिविर के प्रतिभागियों को जैव विविधता दिवस के महत्व और उसकी वैश्विक पृष्ठभूमि की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में स्काउट-गाइड पदाधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
🌱 जैव विविधता दिवस का महत्व
हर वर्ष 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। यह दिन इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि जल, भोजन, औषधियाँ, ऊर्जा, वस्त्र और आश्रय जैसी मानव आवश्यकताएँ प्रकृति पर निर्भर हैं। साथ ही, यह दिन नीति-निर्माताओं और जनता के बीच जैव विविधता के संरक्षण की चेतना फैलाने का प्रयास करता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2000 में 22 मई को इस दिवस के रूप में मान्यता दी थी, क्योंकि इसी दिन जैव विविधता कन्वेंशन (CBD) के पाठ को अंगीकृत किया गया था।
जैव विविधता दिवस पहली बार 22 मई 2001 को मनाया गया। रियो डी जेनेरियो में 1992 के पृथ्वी शिखर सम्मेलन के दौरान जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए गए, जो 29 दिसंबर 1993 को लागू हुआ। कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क (2022) में 2050 तक जैव विविधता के नुकसान को रोकने और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस लक्ष्य तय किए गए।
मानव गतिविधियों, बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के चलते पृथ्वी की जैव विविधता गंभीर खतरे में है। विलुप्तप्राय प्रजातियों और उनके आवासों को संरक्षित करने के लिए स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर तक समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों, युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को जैव विविधता के महत्व और संरक्षण की आवश्यकता के प्रति जागरूक किया गया।