मुज़फ्फरनगर कलेक्ट्रेट परिसर में किसान मजदूर संगठन का 15 मई से चल रहा अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार को और तेज़ हो गया, जब संगठन ने महापंचायत बुलाकर धरने को समाप्त न करने का ऐलान किया। पंचायत में सहारनपुर, शामली, मेरठ और बिजनौर से कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए।
इस मौके पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), अपर जिलाधिकारी (राजस्व), सिटी मजिस्ट्रेट, SOC और चकबंदी अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और किसानों से धरना समाप्त करने का अनुरोध किया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों और शिकायतों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने साफ कहा कि जब तक “भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी जेल में नहीं होंगे”, तब तक धरना जारी रहेगा और वे भूख हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह हमारा संकल्प है कि जब तक इस जनपद में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होता, तब तक मैं अन्न का एक दाना नहीं ग्रहण करूंगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी सिर्फ “बहकाने” का काम कर रहे हैं। 15 मई से लेकर 22 मई तक अधिकारियों द्वारा कई बार बातचीत की गई लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन, चकबंदी, और RDSS योजना जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। स्कूलों में फीस और किताबों के मूल्य में राहत नहीं मिलने पर भी उन्होंने सवाल उठाए।
उन्होंने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि “जिला चलाने के लिए अधिकारी भेजे गए हैं लेकिन वे ऑफिस में बैठकर सिर्फ फाइलें चला रहे हैं। उन्हें ज़मीन पर उतरकर किसानों की समस्याएं सुननी चाहिए।”
किसानों ने कहा कि जब तक प्रशासन कार्रवाई के प्रमाण धरना स्थल पर नहीं लाता, तब तक यह धरना नहीं हटेगा। उन्होंने कलेक्ट्रेट को “अपना घर” बताते हुए कहा कि हम तो यहीं रहेंगे, हमारी कचहरी यही है, आप लोग जांच करो। हम यहीं बैठकर इंतज़ार करेंगे।”
संगठन ने चेतावनी दी है कि जल्द ही एक और बड़ी पंचायत बुलाई जाएगी और आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा।