इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सियासी संकट गहरा गया है, जहां पाकिस्तानी सेना और सरकार के बीच सीधा टकराव बढ़ चुका है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने अपनी ताकत बढ़ा ली है और सरकार की नीतियों पर कड़ी आपत्ति जताई है। आजादी की लड़ाई और विरोध प्रदर्शन के संकेत मिल रहे हैं, खासकर धार्मिक समुदायों से।
कल पाकिस्तान के मस्जिदों से नमाजियों को सड़कों पर उतरने के लिए बुलाया गया है। धार्मिक नेताओं का कहना है कि अगर सेना और सरकार की बीच तनाव जारी रहा, तो लोग सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
यह घटनाक्रम पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य हालात को बेहद गंभीर बना सकता है, और इसके परिणामस्वरूप सरकार और सेना के बीच एक बड़ी सामरिक जंग भी छिड़ सकती है। पाकिस्तानी राजनीति और सरकार के खिलाफ आम जनता की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है, और अब सैन्य नेतृत्व भी इस मुद्दे पर खुलकर सामने आ गया है।
भारत में इस स्थिति को व्यापक रूप से देखा जा रहा है, क्योंकि इस बदलाव से पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता और बाहरी दबाव दोनों ही बढ़ सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत इस क्षेत्रीय संकट का असर और प्रतिक्रिया अपने सुरक्षा हितों के संदर्भ में देखेगा।