सूरत। पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय नौसेना के स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस सूरत ने सख्त संदेश दिया है। जहाज के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कैप्टन संदीप शोरेय ने साफ शब्दों में कहा, “दुश्मन के लिए, और बाकी सबके लिए भी, एक ही संदेश है—हम तैयार हैं। हमें जिस काम के लिए तैयार किया गया है, उसके लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।”
गौरतलब है कि अत्याधुनिक हथियारों और तकनीक से लैस यह विध्वंसक युद्धपोत इस साल जनवरी में नौसेना में शामिल किया गया था। गुरुवार को यह युद्धपोत पहली बार गुजरात के सूरत शहर में लाया गया, और सूरत के नाम पर इसका नामकरण किए जाने के उपलक्ष्य में इसे अदाणी हजीरा पोर्ट पर एक दिन के लिए आम जनता के लिए खोला गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग जहाज को देखने पहुंचे।
पाकिस्तान की नाक के नीचे अरब सागर में इसकी मौजूदगी अपने आप में सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस अवसर पर भाजपा के राज्यसभा सांसद गोविंदभाई ढोलकिया ने कहा, “आईएनएस सूरत देश की आन-बान-शान है। यह नौसेना के उन चुनिंदा डिस्ट्रॉयर्स में से एक है, जो हर मोर्चे पर सक्षम है। यह दिखाता है कि हम चीन-पाकिस्तान किसी से नहीं डरते। जरूरत पड़ी तो हम अपने जलक्षेत्र से दुश्मन पर मिसाइल भी दाग सकते हैं।” पाकिस्तान की बयानबाजी पर उन्होंने कहा, “जो बहुत बोलते हैं, वे कुछ नहीं करते। भारत सक्षम है, और करके दिखाता है।”
सीमा पर जारी तनाव के बीच जश्न मनाने के सवाल पर कैप्टन शोरेय ने कहा, “सीमा पर चुनौतियां हमेशा रही हैं और आगे भी रहेंगी। लेकिन आज का दिन सूरत शहर को मिले उस सम्मान का जश्न मनाने का है, जब भारतीय नौसेना ने अपने अत्याधुनिक युद्धपोत का नाम इसी शहर के नाम पर रखा।”
कैप्टन शोरेय ने जहाज की खूबियों की जानकारी देते हुए बताया कि आईएनएस सूरत 7,600 टन डिस्प्लेसमेंट वाला शक्तिशाली विध्वंसक युद्धपोत है। यह मिसाइल, तोप प्रणाली, अत्याधुनिक रडार, दो हेलिकॉप्टर और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर सिस्टम से लैस है।
उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह भारत में निर्मित है। इसके निर्माण में भारतीय स्टील का उपयोग किया गया है और 75 प्रतिशत उपकरण भी देश में ही बने हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें काम करने वाले हर दिल में 100 प्रतिशत हिंदुस्तान बसा है।”