“वक्फ बहाना है, निशाना हिंदू हैं”अब सेना ही बचा सकती है बंगाल को,मिथुन चक्रवर्ती का ममता सरकार पर तीखा हमला

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हालात को लेकर भाजपा नेता और फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था, तृणमूल सरकार की भूमिका और हिंदू समुदाय पर हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर सीधा हमला बोला। मिथुन का कहना है कि “बंगाल में हिंदू अब अपने ही राज्य में शरणार्थी बन चुके हैं।” 

 

मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वक्फ की जमीनों का मुद्दा महज एक बहाना है। असली एजेंडा हिंदुओं को निशाना बनाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेताओं ने वक्फ की ज़मीनें हड़प ली हैं—कहीं गोदाम बना दिए गए हैं तो कहीं उन्हें किराए पर चढ़ा दिया गया है।

“अगर मुसलमान भाइयों-बहनों को कुछ मिलता तो हम कुछ नहीं कहते। लेकिन ये तो खुद ही सब खा रहे हैं और इसी बहाने हिंदू घरों को उजाड़ा जा रहा है। लोग ट्रांजिट कैंपों में खिचड़ी खा रहे हैं। जिनके पास छोटी-सी कोठरी थी, वह भी अब नहीं रही,” मिथुन ने कहा।

 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मिथुन ने कहा, “अगर मैडम चाहें तो सब कुछ एक दिन में खत्म हो सकता है, लेकिन अभी तक उन्होंने किसी को नहीं रोका। वोट बैंक की राजनीति के तहत तुष्टिकरण हो रहा है। जो लोग उन्हें वोट नहीं देते—सनातनी, सिख, ईसाई—उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।”

 

राज्य पुलिस की भूमिका पर भी मिथुन ने तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि “पुलिस दंगा रोकने नहीं जाती, बल्कि ‘फंक्शन’ देखने जाती है। कुर्सी लेकर बैठती है और तमाशा देखती है। सब कुछ आंखों के सामने होता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।”

 

राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मिथुन ने राष्ट्रपति शासन की मांग दोहराई। उन्होंने कहा, “अगर ऐसा ही चलता रहा तो राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। मैंने पहले भी होम मिनिस्टर से अनुरोध किया था और अब फिर कर रहा हूं कि चुनाव से कम से कम दो महीने पहले सेना तैनात कर दी जाए। चुनाव के बाद भी एक महीने तक सेना मौजूद रहे, क्योंकि अगर वर्तमान सरकार फिर से जीतती है तो वही कत्लेआम दोहराया जाएगा।”

 

हिंसाग्रस्त इलाकों में राज्यपाल के दौरे पर बोलते हुए मिथुन ने कहा कि गवर्नर साहब को पहले ही वहां जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें रोका गया। “वो कोई पैसा तो मांग नहीं रहे थे, सिर्फ यह दिखाना चाहते थे कि सरकार के अलावा भी कोई है जो जनता के साथ खड़ा है,”

 

मिथुन ने कहा कि “वक्फ कानून तो सिर्फ बहाना है। जब मुख्यमंत्री खुद कहती हैं कि ‘मैं जमीनें नहीं दूंगी’ जबकि दोनों सदनों से बिल पास हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है, तो सवाल उठता है कि समस्या कहां है? अगर कानून के खिलाफ खड़ा होना ही है, तो दंगे होंगे ही।”

 

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा ममता बनर्जी को दंगों का जिम्मेदार ठहराने पर प्रतिक्रिया देते हुए मिथुन ने कहा, “रेखा जी ने जो कहा, वह सही है। मैं भी कुछ कहूंगा, लेकिन थोड़ा समय लूंगा। जब बोलूंगा, तो बहुत भारी पड़ेगा।”

 

मिथुन चक्रवर्ती ने बताया कि वे खुद हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करना चाहते हैं, लेकिन अब तक उन्हें अनुमति नहीं दी गई है।

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