मुज़फ्फरनगर: मामी को भा गया भांजे का प्यार, तीन बच्चों को छोड़ फरार… अब पति दर-दर की ठोकरें खा रहा है

मुज़फ्फरनगर। प्यार अगर सर चढ़कर बोले तो रिश्तों की दीवारें भी कब ढह जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव तिसंग से ऐसी ही एक फिल्मी पटकथा जैसी हकीकत सामने आई है, जहां एक मामी अपने ही भांजे के इश्क में ऐसा डूबी कि तीन बच्चों, घर-परिवार और रिश्तों की मर्यादा सब कुछ ताक पर रख दिया। अब उसके पीछे-पीछे उसकी तकदीर का मारा पति एसएसपी ऑफिस के चक्कर काट रहा है, अपनी पत्नी की तलाश में।

सोनू, जो कभी अपने घर को स्वर्ग समझता था, आज दर-दर भटक रहा है। साल 2013 में सोनू ने खतौली क्षेत्र के गलोपुर तल्हेड़ी गांव की रीता से सात फेरे लिए थे। धीरे-धीरे तीन बच्चे हुए, खेत-खलिहान और खुशहाल गृहस्थी चल रही थी। लेकिन सोनू को क्या मालूम था कि उसकी गृहलक्ष्मी ही एक दिन उसका सबकुछ लूटकर चली जाएगी।

गन्ना छिलते वक्त टूटा दिल

पीड़ित पति सोनू की जुबानी सुनिए — “हम खेत में गन्ना छील रहे थे, बीवी ने छाती में दर्द की शिकायत की। मैं भागा-भागा आया, दवा दिलवाई, इंजेक्शन लगवाया। सोचा अब आराम होगा तो डॉक्टर को दिखा देंगे। मैं दोबारा खेत चला गया… और जब लौटा तो बीवी बच्चों की तरह गायब थी! खबर मिली कि वो अपने ही भांजे मोनू के साथ फरार हो गई है।”

मोनू… रिश्ते में भांजा, पर निकला इश्क का रोगी

मोनू, जो सोनू की बहन का लड़का है, अक्सर घर आता-जाता था। सोनू ने कभी सोचा भी नहीं था कि ये आना-जाना एक दिन उसके घर की बुनियाद हिला देगा। रीता, जो मोनू से उम्र में भी बड़ी है, घर से ₹40,000 नकद और जेवर भी लेकर भागी।

मेरठ ड्रम कांड की दी धमकी

सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि जब सोनू ने रीता से फोन पर बात की, तो उसने कहा — “हमारे पीछे मत आओ वरना अंजाम मेरठ ड्रम कांड जैसा होगा।” इस धमकी ने सोनू के पैरों तले ज़मीन खींच ली। अब वो न सिर्फ पत्नी की वापसी चाहता है, बल्कि खुद की जान की भी भीख मांग रहा है।

थाना-पुलिस से मायूसी, अब उम्मीद सिर्फ एसएसपी से

सोनू ने बताया कि मेरठ की मवाना पुलिस ने एक बार दोनों को पकड़ लिया था, लेकिन रीता को उसके मायके वालों को सौंप दिया गया और मामला वहीं ठंडे बस्ते में चला गया। अब रीता दोबारा मोनू के साथ ही रह रही है और पति से नाता तोड़ चुकी है।

तीन मासूम बच्चे, जिनकी उम्र खेल-कूद की है, अब मां की याद में तड़प रहे हैं। पिता खुद टूट चुका है, लेकिन बच्चों के लिए लड़ रहा है।

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