पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा, पुलिस पर पथराव, कई वाहन जलाए गए

मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। सूती और शमशेरगंज क्षेत्रों में जमकर तोड़फोड़, आगजनी और पथराव हुआ। हालात इस कदर बिगड़े कि पुलिस को संभालने में भारी मशक्कत करनी पड़ी और अंततः BSF को तैनात करना पड़ा।

सूत्रों के अनुसार, जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग वक्फ विधेयक के विरोध में सड़कों पर उतर आए। सबसे पहले सूती क्षेत्र में नेशनल हाइवे 34 को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया। पुलिस ने जब सड़क खाली करवाने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

इस बीच, सूती से करीब 10 किलोमीटर दूर शमशेरगंज में भी हिंसा भड़क उठी, लेकिन पुलिस सूती में उलझी रही और शमशेरगंज में समय पर नहीं पहुंच पाई। नतीजा यह हुआ कि वहां हिंसा ने भयानक रूप ले लिया।

वाहनों में आगजनी, दुकानों में तोड़फोड़

शमशेरगंज के डाक बंगला मोड़ पर भीड़ ने पुलिस की वैन और एक आउटपोस्ट को आग के हवाले कर दिया। सड़क किनारे खड़ी दोपहिया और चारपहिया वाहनों को जला दिया गया। दुकानों में तोड़फोड़ की गई और आग लगाने की कोशिश की गई।

भीड़ ने धूलियान स्टेशन के पास स्थित रेलवे गेट और रिले रूम को भी निशाना बनाया। रेलवे स्टाफ किसी तरह जान बचाकर भागा। यहां तक कि प्रदर्शनकारियों ने एक एम्बुलेंस, जो मरीज को पहुंचाकर कोलकाता लौट रही थी, उसे भी जला दिया। एम्बुलेंस चालक को पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक अन्य एम्बुलेंस और एक बस में भी आगजनी की गई।

हिंदू परिवारों पर हमले का आरोप, महिलाएं दहशत में

हिंसा के दौरान शमशेरगंज थाने से कुछ ही दूरी पर बसे हिंदू बहुल इलाकों में भीड़ ने घरों और दुकानों पर हमला किया। स्थानीय निवासी अमर भगत की पत्नी मंजू भगत ने बताया कि भीड़ ने पहले मैन गेट तोड़ने की कोशिश की, असफल होने पर पीछे के गेट से घर में घुस गई। घर का सामान, बाइक, टीवी, गद्दे आदि तोड़फोड़ कर लूट लिए गए। उस समय घर में केवल मंजू भगत और उनकी दो बेटियां मौजूद थीं। वे छत पर जाकर छिप गईं और जान बचाई।

मंजू भगत ने रोते हुए कहा कि अगर उस समय मेरी बेटी के साथ कुछ अनहोनी हो जाती तो क्या पुलिस उसकी इज्जत लौटा पाती? थाना चंद मिनट की दूरी पर है, लेकिन पुलिस तब आई जब सब कुछ बर्बाद हो चुका था।”

कई पुलिसकर्मी घायल, BSF की तैनाती

इस हिंसा में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि कुछ प्रदर्शनकारियों के भी घायल होने की खबर है। हालात बिगड़ते देख प्रशासन को बहरामपुर और मालदा से अतिरिक्त बल मंगवाना पड़ा। देर रात तक हिंसा चलती रही और अब स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। BSF और राज्य पुलिस की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं।

 

शनिवार सुबह से अब तक किसी बड़ी हिंसा की सूचना नहीं है, लेकिन इलाके में तनाव व्याप्त है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि हिंसा भड़काने वालों की पहचान की जा रही है और जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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