Headlines

मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने इराक, बहरीन और कुवैत से अपने कर्मचारी वापस बुलाए

वॉशिंगटन। ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने इराक, बहरीन और कुवैत में तैनात अपने कुछ राजनयिकों, सैन्य अधिकारियों और उनके परिवारों को वापस बुला लिया है। अमेरिकी विदेश विभाग और रक्षा विभाग ने बुधवार को मध्य पूर्व क्षेत्र से गैर-जरूरी कर्मचारियों के प्रस्थान की व्यवस्था करने का निर्णय लिया।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका के इस अचानक फैसले के पीछे तात्कालिक कारण क्या है। हालांकि, एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि यूएस सेंट्रल कमांड फिलहाल मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर कड़ी नजर रखे हुए है। उसे आशंका है कि अगर हालात और बिगड़े, तो इराक, बहरीन और कुवैत में मौजूद अमेरिकी दूतावासों और उनके कर्मियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कैनेडी सेंटर में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह देखेंगे कि आगे क्या होता है। ट्रंप प्रशासन इस समय ईरान के साथ परमाणु समझौते की दिशा में बातचीत की संभावनाएं तलाश रहा है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

रक्षा विभाग का कदम
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने मध्य पूर्व में तैनात अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के परिजनों को स्वैच्छिक रूप से वहां से हटाने की अनुमति दे दी है। इस बीच, यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने तनावपूर्ण हालात के चलते अपनी गुरुवार को प्रस्तावित सीनेट समिति की गवाही स्थगित कर दी है।

गैर-जरूरी कर्मियों की वापसी का आदेश
अमेरिकी विदेश विभाग और एक अन्य संबंधित सूत्र के अनुसार, इराक, बहरीन और कुवैत स्थित अमेरिकी दूतावासों से गैर-आवश्यक कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया जा रहा है। इसके अलावा, इराकी कुर्दिस्तान के एरबिल स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से भी गैर-जरूरी स्टाफ को वापस बुलाया जा रहा है।

इराक की प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए इराक सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी कर्मियों की वापसी का इराक की सुरक्षा स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका और विदेशों में रह रहे अमेरिकियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। इसी प्रतिबद्धता के तहत दुनियाभर में अमेरिकी दूतावासों में तैनात स्टाफ की स्थिति की नियमित समीक्षा की जाती है।

ईरान से बातचीत पर ट्रंप की टिप्पणी
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए अमेरिका एक समझौता करना चाहता है, लेकिन उनकी विश्वसनीयता को लेकर ईरान में संदेह है। यही कारण है कि तेहरान की ओर से समझौते में देरी हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *