तेहरान। मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। शुक्रवार तड़के इजराइल ने ईरान पर एक बड़ा और अप्रत्याशित हवाई हमला किया। इस हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों, अनुसंधान केंद्रों और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शीर्ष सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया गया। धमाकों की गूंज से राजधानी तेहरान कांप उठी और देशभर में अफरा-तफरी मच गई।
ईरानी मीडिया की पुष्टि
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी मेहर और अन्य चैनलों ने बताया कि हमले शुक्रवार सुबह तेहरान, नतांज और इस्फहान सहित कई क्षेत्रों में हुए। राजधानी में जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं। सरकारी टेलीविजन ने बताया कि हमलों में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख जनरल होसैन सलामी मारे गए हैं।
‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ की शुरुआत
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया है। इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज़ ने कहा, “ईरान के परमाणु और सैन्य ढांचे को कमजोर करने के लिए यह पूर्वव्यापी हमला किया गया है।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अब इजराइल पर मिसाइल या ड्रोन हमले की आशंका बढ़ गई है। इसी कारण पूरे देश में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और तेल अवीव में सायरन बजने लगे हैं।
अमेरिका ने किनारा किया
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया है कि इस हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। वाशिंगटन से बयान जारी कर उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह इजराइल की एकतरफा कार्रवाई है। अमेरिका की प्राथमिकता क्षेत्र में अपनी सेनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।” उन्होंने ईरान को चेताया कि वह अमेरिकी ठिकानों या नागरिकों को निशाना न बनाए।
नतांज बना मुख्य निशाना
खास तौर पर यूरेनियम संवर्धन केंद्र नतांज को निशाना बनाया गया है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का प्रमुख आधार है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वहां भारी नुकसान हुआ है और वैज्ञानिक स्टाफ के भी हताहत होने की आशंका है।
तनाव और अनिश्चितता
इस हमले के बाद पूरे मध्य पूर्व में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। ईरान की ओर से आधिकारिक जवाबी कार्रवाई की घोषणा फिलहाल नहीं हुई है, लेकिन आईआरजीसी की ओर से बदले की धमकियां आ रही हैं। वैश्विक समुदाय इस घटनाक्रम पर नज़र रखे हुए है।