प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की राजनीति में निषाद पार्टी ने एक बार फिर अपने रुख में बदलाव करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन की प्रतिबद्धता दोहराई है। प्रयागराज के जिला पंचायत सभागार में मत्स्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने पंचायत चुनाव को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं।
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी आगामी पंचायत चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगी, लेकिन पार्टी के बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य भाजपा प्रत्याशियों को ही वोट देंगे। हाल ही में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले डॉ. निषाद ने अब एकजुटता की बात करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में भाजपा, निषाद पार्टी, अपना दल (एस) और सुभासपा मिलकर मैदान में उतरेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनावों की तुलना में पंचायत चुनाव में खर्च कम होता है, इसलिए पार्टी पहले यहां से अपनी स्थिति मजबूत करेगी।
डॉ. निषाद ने ‘डिजिटल सेना’ के गठन की घोषणा करते हुए कहा कि अब पार्टी को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि यह डिजिटल सेना मोबाइल और इंटरनेट से लैस होगी, जिससे न केवल विकास योजनाओं की सही जानकारी आम जनता तक पहुंचेगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि निषाद, केवट, बिंद, मंझवार आदि जातियां निषाद वंश से आती हैं और इन्हें संगठित कर पार्टी का जनाधार प्रदेश के 75 जिलों में फैलाया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. संजय निषाद ने करछना से पार्टी विधायक पीयूष रंजन निषाद पर नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पीयूष रंजन निषाद निषाद समाज के आशीर्वाद से विधायक बने हैं, लेकिन अब उसी समाज से दूरी बना रहे हैं, जो कि स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को जानकारी दे दी गई है।
मऊ विधानसभा उपचुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी एनडीए का हिस्सा है और भाजपा को ‘बड़ा भाई’ मानती है। उन्होंने भरोसा जताया कि भाजपा मऊ सीट निषाद पार्टी को देगी और उनकी समस्याओं का समाधान भी करेगी। ओमप्रकाश राजभर द्वारा मऊ सीट पर दावा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजभर को भाजपा के निर्णय का सम्मान करना चाहिए।
बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा भाजपा, सपा और कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. निषाद ने कहा कि मायावती ने कभी दलित समाज को जागरूक किया, यह सराहनीय है, लेकिन अब बसपा अपनी मूल विचारधारा से भटक चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती ने ठेकेदारी में 60 प्रतिशत हिस्सा केवल लैदरमैन को दे दिया, जबकि बाबा साहेब आंबेडकर ने समावेशी सामाजिक न्याय की बात की थी।
डॉ. निषाद ने एक बार फिर निषाद समाज और उससे जुड़ी जातियों को अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग में शामिल करने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि निषाद समाज को ओबीसी से हटाकर एससी वर्ग में लाया जाए। इसके लिए समाज को लगातार जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “जो तुम्हारा झंडा उठाए, वह तुम्हारा भाई है और जो विरोध करे, वह कसाई है।” साथ ही बताया कि अब पार्टी अपने विधायकों और सांसदों से ज्ञापन दिलवाकर यह मांग केंद्र सरकार तक पहुंचाएगी।