अहमदाबाद। स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली का 18 वर्षों का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने मंगलवार को एक रोमांचक फाइनल मुकाबले में पंजाब किंग्स को छह रन से हराकर पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ट्रॉफी जीत ली। मैच जीतते ही विराट कोहली भावुक हो गए और खुशी के आंसुओं में डूब गए।
इस जीत के साथ आईपीएल के इतिहास की सबसे भावनात्मक कहानी पूरी हो गई। RCB ने न सिर्फ ट्रॉफी जीती, बल्कि लाखों फैन्स के दिल भी जीत लिए। यह जीत सिर्फ विराट, रजत पाटीदार या क्रुणाल पांड्या की नहीं, बल्कि उन तमाम फैंस की है, जिन्होंने हार के बावजूद हर सीजन RCB की जर्सी पहनकर टीम का साथ निभाया।
एक चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) फैन ने सोशल मीडिया पर लिखा – “शुक्रिया RCB, तुमने साबित कर दिया कि हारते-हारते भी जीतना मुमकिन है।”
टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी RCB की शुरुआत संतुलित रही। टीम ने अपने शीर्ष क्रम के उपयोगी योगदान से निर्धारित 20 ओवर में 9 विकेट पर 190 रन बनाए।
विराट कोहली ने सर्वाधिक 43 रन (35 गेंद, 3 चौके) की पारी खेली।
अन्य बल्लेबाज़ों में:
- रजत पाटीदार: 26 (16 गेंद)
- मयंक अग्रवाल: 24 (18 गेंद)
- लियाम लिविंगस्टोन: 25 (16 गेंद)
- जितेश शर्मा: 24 (10 गेंद)
- रोमारियो शेफर्ड: 17 (9 गेंद)
टीम ने कुल 11 चौके और 9 छक्के लगाए। अंतिम पांच ओवर में RCB ने 58 रन जोड़े लेकिन पांच विकेट गंवाए। अंतिम ओवर में अर्शदीप सिंह ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए तीन विकेट झटके और मात्र 3 रन दिए, जिससे RCB 200 के आंकड़े से चूक गया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पंजाब किंग्स ने पॉवरप्ले में 52/1 रन बनाए। लेकिन बीच के ओवरों में नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे। 10 ओवर में स्कोर था 81/3।
आखिरी ओवरों में शशांक सिंह ने मैच को रोमांचक बना दिया। उन्होंने मात्र 30 गेंदों में 61 रन बनाए जिसमें 3 चौके और 6 छक्के शामिल थे। अंतिम ओवर में उन्होंने जोश हेजलवुड को तीन छक्के और एक चौका भी मारा, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके।
पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर निराश दिखे क्योंकि टीम पहले क्वालीफायर में भी RCB से हार गई थी और फाइनल में भी बदला नहीं ले सकी।