मुजफ्फरनगर। पश्चिम उत्तर प्रदेश में बुधवार देर शाम आई तेज आंधी और तूफान ने जमकर कहर बरपाया। खासतौर पर मुजफ्फरनगर के चरौली गांव में स्थित सैकड़ों वर्षों पुराने प्राचीन शिव मंदिर को इस प्राकृतिक आपदा ने गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। मंदिर परिसर में हाल ही में हुआ सौंदर्यीकरण कार्य पूरी तरह तहस-नहस हो गया है। महज कुछ मिनटों की तेज हवाओं और बारिश ने मंदिर की छतें उड़ाकर रख दीं और दीवारों को भी नुकसान पहुंचाया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मंदिर क्षेत्र की आस्था का केंद्र है और यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। पूर्व राज्य मंत्री स्वर्गीय विजय कश्यप के प्रयासों से इस मंदिर का विस्तार और सौंदर्यीकरण कराया गया था। मंदिर परिसर में सुंदर छायादार पेड़, विश्राम स्थल, नई छत और दीवारें बनाई गई थीं, जो तूफान के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
मंदिर के महंत और गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई। उनका कहना है कि यह प्राकृतिक आपदा है, लेकिन मंदिर में हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन को कदम उठाना चाहिए। ग्रामीणों ने मांग की है कि मंदिर के पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए विशेष राहत कोष से सहायता दी जाए।
गांव के एक वरिष्ठ नागरिक ने बताया कि इस तरह की आपदा पहले भी कई बार आई, लेकिन इस बार नुकसान अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, “मंदिर के छज्जे और बरामदे उड़ गए हैं। पेड़ उखड़कर दीवारों पर गिर गए। मंदिर के शिखर को भी नुकसान पहुंचा है। यह हमारी आस्था पर आघात जैसा है।”