नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान सरकार का आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट भारत में ब्लॉक कर दिया है, जिससे अब उसकी कोई भी पोस्ट भारत में नहीं दिखाई देगी।
इस आतंकी हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट द्वारा अंजाम दिए जाने की आशंका जताई गई है। इसके बाद भारत ने राजनयिक, सैन्य और आर्थिक मोर्चे पर कई कठोर कदमों की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “निर्दोष नागरिकों पर कायराना हमला” बताते हुए बुधवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की आपात बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित शीर्ष सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे।
पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात रक्षा, सेना, नौसेना और वायुसेना के सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसी के साथ, भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी इन पदों पर तैनात अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला लिया है। दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया है, जो 1 मई 2025 से लागू होगा।
भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई नहीं करता। अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। भारत में रह रहे वैध पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई 2025 तक भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। सार्क वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता के उच्चतम स्तर पर रहने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम हमले की जांच के लिए एक विशेष टीम तैनात कर दी है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। भारत न केवल आतंकवादियों को, बल्कि उनके प्रायोजकों और सहयोगियों को भी न्याय के कटघरे में लाएगा। अधिकारियों ने यह भी बताया कि अमेरिका से तहव्वुर राणा जैसे आतंकवादियों के प्रत्यर्पण के प्रयासों को तेज किया गया है और भारत वैश्विक सहयोग के जरिए आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा।