कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कट्टरपंथी तत्वों द्वारा सुनियोजित तरीके से हिंसा, अराजकता और अव्यवस्था फैलाई जा रही है।
शुक्रवार रात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो संदेश में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर एक विशेष समूह द्वारा संविधान और कानून का खुलेआम विरोध करते हुए सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंचाई जा रही है। आम लोग इन हिंसक भीड़ के रहमोकरम पर हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने मुर्शिदाबाद में बीएसएफ की तैनाती के लिए मजबूरी में सहमति दी, लेकिन अन्य संवेदनशील जिलों में केंद्रीय बलों की मांग करने से कतरा रही है।
शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और गृह सचिव से अपील की कि वे अपने अहंकार को त्यागकर केंद्र सरकार से संपर्क करें और गृह मंत्रालय से हालात को नियंत्रित करने में मदद मांगे। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि मुर्शिदाबाद, दक्षिण व उत्तर 24 परगना, हुगली, मालदा और बीरभूम जिलों के संवेदनशील इलाकों में अनुच्छेद 355 लागू किया जाए, जिससे केंद्र सरकार राज्य के प्रशासनिक तंत्र को समर्थन दे सके।”
शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है, लेकिन हिंसा की कोई जगह नहीं। उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई समय की मांग है। पश्चिम बंगाल को वोट बैंक की राजनीति के नाम पर बंधक नहीं बनाया जा सकता।”
गौरतलब है कि हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों में वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गया था। बीएसएफ की तैनाती, संपत्तियों में तोड़फोड़, और पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबरें सामने आई थीं।