मुजफ्फरनगर में एनसीईआरटी की फर्जी किताबों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 8 आरोपी गिरफ्तार, 3 करोड़ की किताबें बरामद

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर जिले के थाना खतौली पुलिस और एसओजी टीम ने संयुक्त रूप से एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एनसीईआरटी की फर्जी किताबें छापकर विभिन्न राज्यों में बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से तीन गाड़ियां और लगभग 1,33,000 फर्जी किताबें बरामद कीं, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 3 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह हरियाणा के पानीपत में स्थित एक फर्जी प्रिंटिंग प्रेस के माध्यम से एनसीईआरटी की किताबें छापता था और फिर उन्हें उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में सप्लाई करता था। गिरफ्तार आरोपियों में आदिल मेवाती, अनिल चौहान, राहुल राणा, राजू शर्मा, ताराचंद, सतेंद्र सिंघल, जावेद और अमित सैनी शामिल हैं।

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है जो एनसीईआरटी की फर्जी किताबें छापकर बाजार में बेचता है। हर सदस्य की अलग-अलग जिम्मेदारी तय है। समालखा (पानीपत, हरियाणा) में प्रिंटिंग प्रेस लगाई गई थी, जहां से फर्जी किताबें छपती थीं। इसके बाद इन्हें खतौली के ग्राम भैंसी स्थित गोदाम में रखा जाता था और वहीं से विभिन्न राज्यों में सप्लाई की जाती थी।

गिरफ्तार आरोपियों के पास से तीन गाड़ियां और 1,33,000 फर्जी किताबें बरामद की गईं। पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर अवैध रूप से संचालित की जा रही प्रिंटिंग प्रेस को भी सील कर दिया है। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह द्वारा की गई अवैध छपाई से सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की क्षति हो रही थी।

एसएसपी संजय वर्मा ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप जनपद में अपराध और अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए इसी तरह की कठोर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

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