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कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर हाईवे पर सख्ती,यशवीर महाराज की चेतावनी: मुस्लिम नाम छुपाकर चल रहे होटल-ढाबों को नहीं बख्शा जाएगा

मुजफ्फरनगर। सावन की कांवड़ यात्रा से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माहौल गर्माया हुआ है। जनपद मुजफ्फरनगर में हिंदू संगठनों से जुड़े यशवीर महाराज ने हाईवे-58 पर बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई उन होटलों और ढाबों के खिलाफ है, जो मुस्लिम नाम छुपाकर देवी-देवताओं के नाम से कारोबार कर रहे हैं। महाराज की टीम ने हरिद्वार से लेकर मुजफ्फरनगर तक सघन चेकिंग अभियान चलाया और कई होटलों में कर्मचारियों के आधार कार्ड तक की जांच की गई।

होटल-ढाबों पर ‘धार्मिक पहचान’ की पड़ताल, महाराज की चेतावनी- “भ्रम फैलाने वालों को बख्शेंगे नहीं”

यशवीर महाराज ने आरोप लगाया कि कई मुस्लिम कारोबारी हिंदू नामों की आड़ लेकर कांवड़ मार्ग पर होटल और ढाबे चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि किसी होटल पर देवी-देवताओं के नाम का दुरुपयोग किया गया पाया गया, तो वहां धरना-प्रदर्शन तय है।

कांवड़ यात्रा में ‘शुद्धता’ बनाए रखने की अपील

महाराज ने कांवड़ियों से अपील करते हुए कहा कि वे केवल उन्हीं दुकानों, होटलों और कांवड़ों पर भरोसा करें, जिनकी धार्मिक और सामाजिक पहचान स्पष्ट हो। उन्होंने यह भी कहा कि किसी मुस्लिम व्यक्ति द्वारा बनाई गई कांवड़ से परहेज करें, जिससे “धार्मिक शुद्धता” बनी रहे।

मीडिया से बोले यशवीर महाराज: “कोई सांप्रदायिक उद्देश्य नहीं, भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होने देंगे”

यशवीर महाराज ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी धर्म या व्यक्ति को अपमानित करना नहीं है। उनका कहना है कि वे बस इतना चाहते हैं कि कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक मर्यादाओं का पालन हो और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान किया जाए।

पिछले साल भी उठा था मुद्दा, इस बार ज़मीन पर उतरी निगरानी

यह कोई पहली बार नहीं है जब इस मुद्दे ने तूल पकड़ा हो। पिछले साल भी महाराज ने इसी तरह के मामलों को उजागर किया था, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से नाराज होकर इस बार वे खुद हाईवे पर उतर आए हैं। उनके साथ हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी मुस्तैद हैं और लगातार निगरानी कर रहे हैं।

पुलिस-प्रशासन सतर्क, कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश

इस अभियान के बाद स्थानीय प्रशासन भी सतर्क हो गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की अवांछनीय स्थिति से निपटा जा सके।


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