मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के शुकताल धाम में स्थित गुरु रविदास आश्रम गुरु गद्दी ऊण में 30 जून 2025 को एक भव्य संत संगत और सत्संग का आयोजन होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन के संस्थापक स्व. सतगुरु समनदास जी महाराज की स्मृति में देशभर के संत, महात्मा, प्रबंधक, और रविदासी समाज के लोग एकत्रित होंगे। इस अवसर पर गुरु रविदास मिशन को मजबूत करने के लिए आध्यात्मिक दर्शन, अनुशासन संहिता, वित्त प्रबंधन, और संगठनात्मक नियमों की विधिवत घोषणा की जाएगी। कार्यक्रम में कई धार्मिक, सामाजिक, और राजनीतिक हस्तियों के शामिल होने की संभावना है, जिससे यह आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
गुरु रविदास आश्रम ऊण, शुकताल धाम में 30 जून 2025 को सुबह 10 बजे से शुरू होने वाले इस विशाल संत संगत और सत्संग का आयोजन सतगुरु समनदास जी महाराज की पुण्य स्मृति और गुरु रविदास जी महाराज के आध्यात्मिक दर्शन को समर्पित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रविदासी समाज को एकजुट करना और गुरु रविदास मिशन को संगठनात्मक रूप से सशक्त करना है। आयोजन में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
आध्यात्मिक दर्शन और अनुशासन संहिता: संतों और संगत के लिए उच्च आचरण और अनुशासन के नियम लागू किए जाएंगे। वित्त प्रबंधन संहिता: मिशन के आर्थिक प्रबंधन को पारदर्शी और व्यवस्थित करने के लिए दिशानिर्देश। संगठनात्मक समन्वय: देशभर के आश्रमों, संतों, और संगत के बीच समन्वय स्थापित करना। सामाजिक और धार्मिक एकता: रविदासी समाज को सामाजिक और धार्मिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रयास।
आयोजन में कई प्रमुख हस्तियों के शामिल होने की संभावना है, जिनमें चरणजीत सिंह चन्नी: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद, जालंधर। आर.के. चौधरी: लोकसभा सांसद, मोहनलालगंज, लखनऊ। मीरा कुमार: पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, भारत सरकार। रामजी लाल सुमन: राज्यसभा सांसद, आगरा, राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी। सत्यनारायण जटिया: पूर्व केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय नेता, भाजपा। दुष्यंत गौतम: राज्यसभा सांसद, उपाध्यक्ष, भाजपा। चंद्रशेखर आजाद: लोकसभा सांसद, नगीना, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आजाद समाज पार्टी। विनय रत्न: राष्ट्रीय अध्यक्ष, भीम आर्मी। राजकुमार चाबेवाल: लोकसभा सांसद, आम आदमी पार्टी, पंजाब। कुमारी मायावती: पूर्व मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बसपा। रणधीर सिंह बेनीवाल: राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर, बसपा। इनके अलावा, रविदासी समाज के विभिन्न विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता, और धार्मिक नेता भी इस आयोजन में हिस्सा लेंगे।
आश्रम के प्रबंधक महात्मा गोरधन दास जी को इस आयोजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे देशभर से आने वाली संगत और अतिथियों के लिए स्वागत, जलपान, और प्रसाद की उचित व्यवस्था करें। प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की जिम्मेदारी प्रबंधक की होगी। आयोजन अनिश्चित काल तक चल सकता है, और सभी संतों और संगत से अपेक्षा की गई है कि वे इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लें।
आयोजन में उत्तर प्रदेश, हरिद्वार, कैथल, और अन्य क्षेत्रों के गुरु रविदास आश्रमों के प्रमुख संत और प्रबंधक शामिल होंगे। इनमें महंत सतपाल दास जी (सिकदरपुर, बैसवाल, जतराखंड),आचार्य कंवरपाल दास जी (गुरु रविदास आश्रम, ऊण, शामली),मेघराज दास जी (गुरु रविदास आश्रम, धनपुरा, हरिद्वार),महिपाल दास जी (गुरु रविदास मंदिर, नांद),बृजेश दास जी (गुरु रविदास आश्रम, टकाभरी, कलियर),ज्ञान दास जी (गुरु रविदास आश्रम, पाबवली खाना),विजय दास जी (गुरु रविदास आश्रम, पाबली खास),श्रद्धा दास जी (गुरु रविदास आश्रम, एधणीखुर्द)सपरम दास जी (गुरु रविदास आश्रम, गारकण्ठा),ईश्वर दास जी (गुरु रविदास आश्रम, अखत्यारपुर),गुरुचरण कटारिया (सेवाबरण कटारिया),कृष्ण दास जी (गुरु रविदास आश्रम, कलरकई और कैथल),बलवान दास जी (गुरु रविदास आश्रम, दिवाल, कैथल),अजय दास जी (गुरु रविदास आश्रम, सुआखेडी, सरसाथ),तारा दास जी (गुरु रविदास आश्रम, लतीफपुर, नकुड़),बगराज दास जी (गुरु रविदास आश्रम, कुराली, नकुड़),समंदर दास जी (गुरु रविदास आश्रम, यथपटी, लोनी) आदि शामिल होगे।
यह आयोजन गुरु रविदास जी महाराज के आध्यात्मिक दर्शन और सतगुरु समनदास जी महाराज की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। गुरु रविदास मिशन सामाजिक समानता, दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष के लिए जाना जाता है। यह आयोजन रविदासी समाज को एकजुट करने और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
आयोजन के आयोजकों ने सभी संतों, प्रबंधकों, और संगत से अपेक्षा की है कि वे इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें। स्थानीय प्रशासन से भी अपील की गई है कि आयोजन के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस आयोजन से रविदासी समाज में एकता और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ने की उम्मीद है।