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सहारनपुर BJP विधायक पर समलैंगिक संबंध के आरोप, भाजपा महिला नेत्री ने खोली पोल!

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की गंगोह विधानसभा सीट पर एक अभूतपूर्व सियासी भूचाल आया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महिला नेत्री और महानगर महिला मोर्चा की जिला मंत्री कोमल गुर्जर ने गंगोह से BJP विधायक चौधरी किरत सिंह गुर्जर पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। कोमल ने न केवल विधायक पर अपने करीबी सहयोगी सतपाल के साथ समलैंगिक संबंध होने का दावा किया, बल्कि यह भी आरोप लगाया कि विधायक ने एक 13 साल की नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया। इन गंभीर आरोपों ने न सिर्फ स्थानीय राजनीति को हिलाकर रख दिया, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।

इन आरोपों को जनता के सामने लाने के लिए कोमल गुर्जर ने शुक्रवार, 27 जून 2025 को सहारनपुर के गंगोह में गुर्जर समाज की एक महापंचायत बुलाई थी। यह महापंचायत अमन पैलेस में आयोजित होनी थी, लेकिन विधायक के कथित दबाव में प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद, कोमल और उनके समर्थकों ने महापंचायत आयोजित करने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया। इस घटना ने गंगोह को छावनी में तब्दील कर दिया और क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा हो गया।

कोमल गुर्जर ने दावा किया कि उनके पास विधायक के खिलाफ सभी आरोपों के पुख्ता सबूत हैं। उन्होंने कहा, “विधायक के पास सत्ता और पावर है, लेकिन मैं जनता के सामने सच लाऊंगी।” कोमल ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रशासन को महापंचायत रोकने के लिए मजबूर किया।

BJP ने कोमल गुर्जर को पार्टी से निष्कासित किया

इन गंभीर आरोपों के बाद BJP ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कोमल गुर्जर को पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी ने उनके खिलाफ अनुशासन भंग करने का हवाला दिया, क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर अपने ही जन-प्रतिनिधि के खिलाफ बयानबाजी की। BJP के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी इस मामले की गहन जांच कर रही है और स्थिति की समीक्षा के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।

कोमल गुर्जर गुर्जर समाज में एक मजबूत प्रभाव रखती हैं और उनकी सक्रियता ने क्षेत्र में उन्हें एक जाना-पहचाना चेहरा बनाया है। उनके इन आरोपों ने न केवल BJP के भीतर खलबली मचा दी है, बल्कि विपक्षी दलों को भी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। विपक्ष ने सवाल उठाया कि जब BJP नैतिकता और मर्यादा की बात करती है, तो उनके अपने विधायक और नेताओं पर ऐसे संगीन आरोप क्यों लग रहे हैं?

अभी तक विधायक चौधरी किरत सिंह गुर्जर की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि विधायक इन आरोपों को निराधार और सियासी साजिश करार दे सकते हैं। यह भी बताया जा रहा है कि विधायक के समर्थकों ने कोमल गुर्जर के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की मांग की है।

यह विवाद सहारनपुर की सियासत में एक बड़े बदलाव का संकेत दे सकता है। गुर्जर समाज, जो क्षेत्र में एक प्रभावशाली समुदाय है, इस मामले को लेकर बंटा हुआ नजर आ रहा है। कोमल गुर्जर के समर्थकों का कहना है कि वे सच को सामने लाने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे, जबकि विधायक के समर्थक इसे उनकी छवि खराब करने की साजिश बता रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई ने भी इस मामले को और तूल दे दिया है। लाठीचार्ज की घटना की विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की है और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि BJP नेताओं और अधिकारियों के बीच टकराव पूरे राज्य में गलत संदेश दे रहा है।

आगे क्या?

यह मामला अब केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राष्ट्रीय मीडिया और सोशल मीडिया पर भी छा गया है। BJP नेतृत्व के सामने एक बड़ी चुनौती है कि इस संकट को कैसे संभाला जाए। क्या यह मामला पार्टी के लिए एक और सियासी नुकसान का कारण बनेगा, या फिर कोमल गुर्जर के आरोप निराधार साबित होंगे? आने वाले दिन इस सियासी ड्रामे में और खुलासे ला सकते हैं।

इस बीच, सहारनपुर की जनता और गुर्जर समाज की निगाहें इस मामले के अगले मोड़ पर टिकी हैं। क्या कोमल गुर्जर अपने दावों को साबित कर पाएंगी, या यह विवाद सियासी लाभ के लिए उठाया गया कदम साबित होगा? समय ही इसका जवाब देगा।

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