लखनऊ।बदलते सामाजिक हालात और हालिया आपराधिक घटनाओं के असर ने अब युवाओं की सोच पर गहरा प्रभाव डाला है। राजधानी समेत कई शहरों में अब शादी से पहले युवक बाकायदा अखबारों, सोशल मीडिया और नोटिस बोर्ड्स पर “शादी इश्तेहार” निकालकर यह पूछ रहे हैं कि – “अगर होने वाली दुल्हन का किसी से प्रेम संबंध है, या किसी को इस शादी पर आपत्ति है, तो कृपया पहले ही बता दें।”
इस चलन के पीछे एक गहरी चिंता छिपी है। हाल ही में कुछ मामलों में लड़कों की हत्या, शादी के बाद धोखा, ब्लैकमेलिंग या प्रेमी संग मिलकर साजिश जैसे घटनाक्रम सामने आए हैं। इससे भयभीत होकर अब युवक खुद को पहले से सुरक्षित करना चाह रहे हैं।
डर का माहौल और आत्मरक्षा की मानसिकता
कुछ मामलों में शादी के बाद लड़कियों द्वारा अपने पूर्व प्रेमी के साथ मिलकर साजिश रचने और पति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आई हैं। इसके चलते कई युवक अब “जान देने से बेहतर है, पहले ही न करूं शादी” जैसी सोच अपनाने लगे हैं।
लखनऊ निवासी शुभम मिश्रा नामक युवक ने एक स्थानीय अखबार में शादी से पहले इश्तेहार प्रकाशित करवाया। उसमें लिखा था –लमैं अमुक लड़की से विवाह करने जा रहा हूं, यदि किसी को इस रिश्ते पर कोई आपत्ति हो या लड़की का किसी से कोई संबंध रहा हो, तो कृपया सूचित करें।”
सामाजिक विशेषज्ञों की राय
समाजशास्त्री डॉ. नीलिमा तिवारी का मानना है कि – यह सामाजिक अविश्वास और डिजिटल युग के रिश्तों की अस्थिरता का नतीजा है। जहां पहले सामूहिक संवाद से रिश्ते बनते थे, अब वहां व्यक्तिगत डर और अनुभवों ने जगह ले ली है।”
पुलिस और कानून क्या कहते हैं?
कानून विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा इश्तेहार प्रकाशित करना गैरकानूनी तो नहीं है, लेकिन अगर इसमें किसी की छवि खराब करने का उद्देश्य हो, तो मानहानि का मामला बन सकता है।
हालांकि, पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अगर ऐसे प्रयास सिर्फ सच जानने की नीयत से हों, तो इसे अवैध नहीं कहा जा सकता।
यह ट्रेंड दिखाता है कि आज के युवाओं में रिश्तों को लेकर पारदर्शिता की मांग, लेकिन डर और अविश्वास की मानसिकता भी बढ़ रही है। यह सामाजिक तानेबाने और भरोसे की बुनियाद पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है – क्या अब रिश्तों से पहले जांच जरूरी हो गई है?