मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में एकता विहार कॉलोनी के मुख्य गेट को लेकर बीते कई दिनों से चला आ रहा तनाव आखिरकार आज खत्म हो गया। तमाम तकरारों और मतभेदों के बाद आपसी बातचीत के जरिए समझौते की ऐसी राह निकली, जिसने मोहल्ले में सच्चे मायनों में ‘एकता’ की मिसाल कायम कर दी।
कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार के आवास पर दोनों पक्षों के बीच सुलह की यह बैठक हुई, जहां कॉलोनी के वरिष्ठ नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय समाजसेवियों की मौजूदगी में गेट निर्माण को लेकर बनी वर्षों पुरानी खाई भर दी गई।
गेट निर्माण को लेकर विवाद एक ओर सभासद सुनीता देवी की अगुवाई वाले पक्ष और दूसरी ओर नरेश गुप्ता उर्फ बन्टी, जयनन्द त्यागी (सेवानिवृत्त पुलिस उपनिरीक्षक) व प्रेमपाल की अगुवाई वाले पक्ष के बीच था। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लंबा चला, लेकिन अंततः समझदारी और मोहल्ले के भले की भावना ने सुलह का रास्ता साफ कर दिया।
बैठक में तय किया गया कि गेट की ऊंचाई में दो फीट की कटौती कर उसे सुंदर गोलाईदार डिजाइन में ढाला जाएगा। गेट की चौड़ाई बढ़ाने के लिए पिलरों की अंदरूनी तरफ से चार-चार इंच कम किया जाएगा, जिससे आवागमन और सुविधाजनक हो सके।
गेट का नाम ‘एकता विहार कॉलोनी, जनपद मुजफ्फरनगर’ रखा जाएगा। खास बात यह रही कि आपसी सहमति से यह भी तय हुआ कि गेट पर किसी दानदाता का नाम नहीं अंकित किया जाएगा और न ही किसी देवी-देवता या महापुरुष की प्रतिमा लगाई जाएगी। यह निर्णय मोहल्ले की समरसता और सभी धर्मों-संप्रदायों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
सौंदर्यीकरण के लिए गेट पर काले रंग की टाइल्स लगाई जाएंगी, जिसे दोनों पक्षों ने एकमत होकर चुना। गेट की ऊंचाई कम करने, गोलाई देने और चौड़ाई बढ़ाने में आने वाला सारा खर्च नरेश गुप्ता उठाएंगे। इस कार्य को 10 दिन के भीतर पूरा किया जाएगा। इसके बाद बचा हुआ कार्य दोनों पक्ष मिलकर बराबर खर्च में करेंगे।
दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से यह भी निर्णय लिया कि गेट से जुड़ी जितनी भी कानूनी कार्रवाई अब तक की गई है, उन्हें समाप्त किया जाएगा और भविष्य में इस विषय को लेकर किसी भी प्रकार की न्यायिक या प्रशासनिक कार्यवाही नहीं की जाएगी।
समझौते की प्रति नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को सौंपी जाएगी। गेट का उद्घाटन मंत्री अनिल कुमार और नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
समझौते के प्रस्तावकों में एक ओर सुनीता देवी, मास्टर विजय पाल और प्रेमचंद गौतम शामिल रहे, वहीं दूसरी ओर डॉ. चंद्रपाल सिंह, जयनन्द त्यागी और नरेश गुप्ता की भूमिका अहम रही। कॉलोनी के गणमान्य लोगों की पहल और मंत्री की मध्यस्थता से यह विवाद जिस सहजता से सुलझा, उसने एक मिसाल कायम की कि संवाद से कोई भी टकराव टाला जा सकता है।
अब जब विवाद की दीवारें गिर चुकी हैं, उम्मीद की जा रही है कि एकता विहार कॉलोनी में विकास की रफ्तार और तेज होगी, और मोहल्ले का माहौल पहले से अधिक सौहार्दपूर्ण और सहयोगात्मक बनेगा।