मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाट बनाम ठाकुर विवाद को लेकर मचा बवाल अब ठंडा पड़ता दिख रहा है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और रालोद नेता अनिल कुमार ने इस पूरे मामले पर मध्यस्थता की बात कही है और साथ ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट्स को “महत्वहीन” करार दिया है।
कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि या सामाजिक लीडर को सार्वजनिक बयान देने से पहले यह जरूर सोचना चाहिए कि उसके शब्दों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। किसी को व्यक्तिगत रूप से आहत करने वाले बयान नहीं दिए जाने चाहिए।”
अनिल कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि जाट बनाम ठाकुर के बीच हो रहा विवाद जातीय जनगणना से जुड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई टिप्पणी या मतभेद हुआ है, तो उसे आपसी बातचीत और बैठक से सुलझाया जाना चाहिए। समाज को बांटने की दिशा में कोई भी बयान जिम्मेदाराना नहीं होता।”
अनिल कुमार ने अखिलेश यादव के बयानों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अखिलेश यादव एक दिन में 50 ट्वीट करते हैं। ऐसे में उनके किसी एक ट्वीट का कोई विशेष महत्व नहीं रह जाता। ट्वीट वही मायने रखते हैं जो सोच-समझकर और जिम्मेदारी के साथ किए जाते हैं।”
हाल में किसी सरकारी टंकी के गिरने की घटना को लेकर पूछे गए सवाल पर अनिल कुमार ने कहा कि यदि कोई टंकी गिरती है, तो उसकी जांच अवश्य होगी और दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। यह सरकार की जवाबदेही है।”
मंत्री अनिल कुमार ने अंत में कहा कि यह विवाद अधिक न बढ़े, इसके लिए सभी पक्षों को शांति और संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस मामले में सुलह-सफाई के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।