मुजफ्फरनगर। बकरीद से पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद की एक अहम बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी नहीं की जाएगी। यह निर्णय जिले में शांति, सौहार्द और धार्मिक मर्यादाओं को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
यह बैठक अंबा विहार स्थित मदरसा चिरागिया में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जमीयत उलमा-ए-हिंद के जिला अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम अली कासमी ने की। बैठक में जिले भर के प्रमुख उलमा और संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए।
मौलाना मुकर्रम अली कासमी ने कहा कि समाज को कानून का पालन करते हुए ईद-उल-अजहा मनानी चाहिए। उन्होंने अपील की कि प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न की जाए, कुर्बानी को सार्वजनिक रूप से न किया जाए और इसकी तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने से बचा जाए।
बैठक में संगठन की मजबूती, आमजन को जोड़ने और धार्मिक त्योहारों को शांति व मर्यादा के साथ मनाने पर विशेष बल दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास न केवल धार्मिक समरसता को मजबूत करते हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी बढ़ावा देते हैं।