लंदन। इंग्लैंड के अनुभवी क्रिकेटर जॉश कॉब ने पेशेवर क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। अब वह वारविकशायर की बॉयज़ अकादमी के लीड कोच के रूप में अपनी नई भूमिका निभाएंगे।
34 वर्षीय जॉश कॉब ने 2007 में लीसेस्टरशायर के लिए पदार्पण किया था और अपने करियर में कुल 448 पेशेवर मैच खेले। इस दौरान उन्होंने नॉर्थम्पटनशायर और वॉरसेस्टरशायर का भी प्रतिनिधित्व किया। अंतरराष्ट्रीय फ्रेंचाइज़ी लीग में भी उनका सफर शानदार रहा। 2013 में वह बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) में ढाका ग्लैडिएटर्स के लिए खेले और टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, इंग्लैंड की लोकप्रिय ‘द हंड्रेड’ लीग में वे वेल्श फायर टीम के कप्तान भी रहे।
कॉब ने टी20 ब्लास्ट फाइनल्स में इतिहास रचा है। वे दो बार ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने जाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। 2011 में, उन्होंने लीसेस्टरशायर की ओर से 4 ओवर में 22 रन देकर 4 विकेट चटकाए थे, जिससे टीम को खिताबी जीत मिली। इसके बाद, 2016 में नॉर्थम्पटनशायर के लिए खेलते हुए उन्होंने 48 गेंदों में 80 रनों की तूफानी पारी खेली, जिससे उनकी टीम ने दूसरी बार ट्रॉफी अपने नाम की।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कॉब अब कोचिंग में अपने अनुभव को साझा करेंगे। पिछले साल इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलियाई वनडे टीम के साथ उन्होंने कंसल्टेंट कोच के रूप में काम किया था। दिलचस्प बात यह है कि उनके पिता रसेल कॉब भी लफबरो यूनिवर्सिटी के कोचिंग सेटअप का हिस्सा रहे हैं, और अब जॉश उनके नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
संन्यास की घोषणा करते हुए कॉब ने कहा कि पिछले 18 वर्षों में क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन यह सफर बेहद शानदार रहा। लॉर्ड्स में 18 साल की उम्र में पहला शतक और दो बार टी20 ब्लास्ट फाइनल में जीत हासिल करना मेरी सबसे खास यादों में रहेगा।”
वारविकशायर अकादमी से हाल के वर्षों में जैकब बेथेल और डैन मूसली जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी निकले हैं। इस नई जिम्मेदारी के बारे में कॉब ने कहा कि मेरा लक्ष्य घरेलू खिलाड़ियों को विकसित करना है, ताकि वे वारविकशायर और इंग्लैंड के लिए खेल सकें। यह एक प्रतिष्ठित क्लब है, और मैं इस चुनौती को लेकर उत्साहित हूं।”
कॉब की नई भूमिका पर वारविकशायर क्रिकेट क्लब के अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि उनकी देखरेख में अकादमी से भविष्य के कई सितारे उभरेंगे। क्रिकेट के मैदान पर उनकी यात्रा भले ही समाप्त हो गई हो, लेकिन कोचिंग में उनका नया सफर अब शुरू हुआ है।