मुजफ्फरनगर। कावड़ यात्रा के मद्देनजर स्वामी यशवीर जी महाराज (महंत योग साधना आश्रम – मुजफ्फरनगर) द्वारा कावड़ मार्ग पर चलाए जा रहे बड़े पहचान अभियान के दौरान शनिवार को जोरदार हंगामा हो गया। यह घटना दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे 58 स्थित पंडित जी वैष्णो ढाबे पर हुई, जहां अभियान की एक टीम पहुंची थी।
टीम के सदस्यों ने ढाबे पर काम कर रहे कर्मचारियों से आधार कार्ड दिखाने को कहा, लेकिन कर्मचारियों ने अपनी पहचान छिपाते हुए आधार कार्ड दिखाने से इनकार कर दिया। इस पर टीम ने ढाबे पर लगे बारकोड को स्कैन किया, जिसमें मालिक के तौर पर मुस्लिम समुदाय का नाम सामने आया। इसके बाद आरोप है कि हिंदू संगठन की इस टीम ने एक कर्मचारी गोपाल की पहचान करने के लिए जबरन उसे कमरे में ले जाकर उसकी पैंट उतारने तक की कोशिश की, जिससे वहां हंगामा खड़ा हो गया। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद स्थिति को नियंत्रित किया।
स्वामी यशवीर जी महाराज की अगुवाई में 5000 लोगों की एक विशाल टीम कावड़ मार्ग पर तैनात है, जो उस क्षेत्र के होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट और दुकानों की पहचान कर रही है कि वहां काम करने वाले कर्मचारी और मालिक कौन हैं। साथ ही यह भी जांच कर रही है कि हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर कहीं किसी दूसरे समुदाय का व्यक्ति तो दुकान नहीं चला रहा है।
इस पहचान अभियान के तहत पंडित जी वैष्णो ढाबे पर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह ढाबा मुस्लिम समुदाय के मालिक का है और यहां के कर्मचारी भी मुस्लिम हैं, जिन्होंने अपनी पहचान छुपाई हुई है। साथ ही यह ढाबा हिंदू नाम से चलाया जा रहा है।
स्वामी यशवीर जी महाराज ने खुद मौके पर पहुंचकर इस ढाबे के मालिक को कड़ी चेतावनी दी कि वह 24 घंटे के अंदर अपना ढाबा का नाम बदलकर अपने असली नाम पर रखे। अन्यथा अगले दिन सुबह 10 बजे से इस ढाबे के बाहर धरना दिया जाएगा, जो तब तक चलता रहेगा जब तक नाम परिवर्तन नहीं होता।
यह अभियान कावड़ यात्रा के दौरान अनुशासन और सांस्कृतिक शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से शुरू किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की असामाजिक या अनुचित गतिविधि को रोका जा सके।