मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में मंसूरपुर थाना पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में शानदार सफलता हासिल की है। पेटीएम कंपनी के नाम पर दुकानदारों को KYC अपडेट का झांसा देकर ठगी करने वाले तीन शातिर साइबर ठगों को पुलिस ने धर दबोचा। ये ठग कई जिलों में अपनी चालाकी से दुकानदारों को चूना लगा चुके थे, लेकिन अब पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
पुलिस को विश्वसनीय सूत्रों से मिली गुप्त सूचना के आधार पर नावला फ्लाईओवर के पास घेराबंदी की गई। एक कार में सवार तीनों ठगों को पुलिस ने पकड़ लिया। तलाशी के दौरान उनके पास से 1,35,000 रुपये नकद, 8 मोबाइल फोन, 30 फर्जी आधार और पैन कार्ड, 10 पेटीएम सिम बॉक्स, 45 फर्जी पेटीएम QR कोड, और एक हुंडई i10 कार बरामद हुई।
गिरफ्तार किए गए ठगों की पहचान आलोक (पुत्र महेश कुमार, सैनी मोहल्ला, नागलोई, दिल्ली), मोनू (पुत्र राकेश कुमार, लक्ष्मी पार्क, नागलोई, दिल्ली), और अमन वर्मा (पुत्र मनोज वर्मा, निहाल विहार, नागलोई, दिल्ली) के रूप में हुई है।
ठगी का चालाकी भरा जाल
पूछताछ में ठगों ने चौंकाने वाला खुलासा किया। ये लोग पहले पेटीएम कंपनी में काम करते थे, लेकिन नौकरी छोड़ने के बाद इन्होंने ठगी का काला कारोबार शुरू किया। ये दुकानदारों को लालच देकर कहते थे कि पेटीएम का मासिक शुल्क 125 रुपये से घटाकर मात्र 1 रुपये कर दिया गया है, लेकिन इसके लिए KYC अपडेट जरूरी है। इस बहाने ये दुकानदारों के पेटीएम से जुड़े सिम और मोबाइल की जानकारी हासिल कर लेते थे। फिर एक विशेष ऐप की मदद से उनके खातों पर कब्जा कर लेते थे।
इसके बाद ये ठग पेट्रोल पंप या जन सेवा केंद्रों पर जाकर दुकानदारों के खातों से पैसे ट्रांसफर कर नकद निकाल लेते थे। 24 मई 2025 को मंसूरपुर कस्बे में एक जन सेवा केंद्र संचालक से 84,000 रुपये की ठगी (मु.अ.सं. 183/25) के मामले में पुलिस ने यह कार्रवाई की।
पुलिस की सतर्कता और कार्रवाई
इस ऑपरेशन को थाना प्रभारी सुभाष अत्री के कुशल नेतृत्व में उपनिरीक्षक जबर सिंह, गौरव आनंद, सुनील कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने अंजाम दिया। पुलिस अब इन ठगों के आपराधिक इतिहास और अन्य जिलों में की गई वारदातों की गहराई से जांच कर रही है। गिरोह के नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने के लिए पुलिस की टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं।