लखनऊ। देशप्रेम, हिंदी भाषा, सद्साहित्य और सनातन संस्कृति के संवर्धन हेतु समर्पित कल्पकथा साहित्य संस्था द्वारा आयोजित 201वीं ऑनलाइन काव्यगोष्ठी में पिता के प्रति सम्मान और अहमदाबाद विमान दुर्घटना में प्राण गंवाने वाले दिवंगतों को काव्यांजलि अर्पित की गई।
संवाद प्रभारी श्रीमती ज्योति राघव सिंह ने बताया कि इस विशेष गोष्ठी में देशभर के विभिन्न राज्यों से जुड़े साहित्यकारों ने भाग लिया। आयोजन की अध्यक्षता बिनोद कुमार पाण्डेय (सिवान, बिहार) ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में भावकवि दुर्गादत्त मिश्र ‘बाबा’ (भोरे, गोपालगंज, बिहार) उपस्थित रहे। संचालन आशुकवि श्री भास्कर सिंह ‘माणिक’ और पवनेश मिश्रा ने किया।
गोष्ठी की शुरुआत नागपुर (महाराष्ट्र) के वरिष्ठ साहित्यकार विजय रघुनाथराव डांगे द्वारा संगीतमय गुरुवंदना, गणेश वंदना और सरस्वती वंदना के साथ हुई। इस आयोजन में लद्दाख, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से साहित्यकारों की सहभागिता रही।
इस अवसर पर सहारनपुर (उप्र) के साहित्यकार सुनील कुमार खुराना के साझा काव्य संग्रह “प्रेमलता” का ई-विमोचन भी किया गया। यह संग्रह प्रेमलता कुमारी के संपादन में महाराष्ट्र से प्रकाशित हुआ है और श्रृंगार व प्रेम काव्य पर आधारित है।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख साहित्यकारों में
विजय रघुनाथराव डांगे (महाराष्ट्र), बिनोद कुमार पाण्डेय (बिहार), सुनील कुमार खुराना (उप्र), श्रीमती शालिनी बसेड़िया (प्रयागराज), अवधेश प्रसाद मिश्र “मधुप” (आजमगढ़), दुर्गादत्त मिश्र “बाबा” (बिहार), ज्योति प्यासी (जबलपुर), भास्कर सिंह “माणिक” (कोंच), श्रीमती ज्योति देशमुख (बड़ोदरा), डॉ. जया शर्मा “प्रियंवदा” (फरीदाबाद), श्रीमती मेघा अग्रवाल व कु. मिहु अग्रवाल (नागपुर), नंदकिशोर बहुखंडी (देहरादून), श्रीमती पुष्पा देवी पाण्डेय (सीवान), श्रीमती शोभा प्रसाद (गुरुग्राम), श्रीमती ज्योति राघव सिंह (लेह, लद्दाख), भगवानदास शर्मा “प्रशांत” (इटावा), श्रीमती राधा शर्मा (संस्थापिका), और पवनेश मिश्रा शामिल रहे।
अध्यक्षीय उद्बोधन में बिनोद कुमार पाण्डेय ने विचार व्यक्त किया –
“ईश्वर पिता हैं और धरती पर हमारे पिता ही ईश्वर का साक्षात स्वरूप हैं।”
उन्होंने सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं दीं और आयोजन की सराहना की।
समापन पर संस्था की संस्थापिका श्रीमती राधा शर्मा ने “सर्वे भवन्तु सुखिनः” शांति मंत्र के साथ सभी का आभार व्यक्त किया।